सीओ हाईवे कर रहे विभागीय जांच, हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत
एफएनएन ब्यूरो, बरेली। सात लाख रुपये रिश्वत लेकर दो स्मैक तस्करों को छोड़ देने के संगीन इल्ज़ाम में निलंबित हो चुके फरीदपुर कोतवाल रामसेवक के खिलाफ सरकारी पिस्टल और कारतूसों की मैगजीन चोरी का एक और मुकदमा फरीदपुर कोतवाली में दर्ज कराया गया है।

सात लाख लेकर दो तस्कर छोड़ने पर दर्ज हुआ था केस
एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर बीते दिनों एसपी साउथ मानुष पारीक ने सीओ गौरव सिंह के साथ फरीदपुर थाने पर छापा मारा था लेकिन इंस्पेक्टर फरीदपुर रामसेवक सरकारी पिस्टल और 10 जीवित कारतूस लेकर थाने से फरार हो गये थे। उनके कमरे से रिश्वत के 9 लाख 84 हजार 900 भी बरामद हुए थे। कोतवाल रामसेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।
तत्कालीन हेड कांस्टेबल ने लिखाई पिस्टल गबन की एफआईआर
तत्कालीन हेड कांस्टेबल रिजवान की ओर से फरीदपुर के तत्कालीन इंस्पेक्टर रामसेवक के खिलाफ सरकारी पिस्टल और 10 जीवित कारतूसों की मैगज़ीन के गबन का मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोप है कि निलंबित कोतवाल रामसेवक ने सरकारी पिस्टल और कारतूस अभी तक वापस नहीं किए हैं। इंस्पेक्टर के खिलाफ सीओ हाईवे नितिन कुमार विभागीय जांच कर रहे हैं। तफ्तीश के दौरान उन्होंने थाने के कई पुलिसकर्मियों के भी बयान दर्ज किए हैं। थाना परिसर के सीसीटीवी बंद होने की वजह से उस वक्त की वीडियो फुटेज हालांकि नहीं मिल सकी है। सीओ हाईवे ने थाने के सुपुर्दगी रजिस्टर का भी अवलोकन किया। सुपुर्दगी रजिस्टर में दो तस्करों को छोड़े जाने का भी उल्लेख है। इस पूरे मामले में रामसेवक की गर्दन फंसती जा रही है। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह हाईकोर्ट पहुंच गए हैं, लेकिन अभी तक हाईकोर्ट से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली है।