एफएनएन, नई दिल्ली- लाॅकडाउन के कारण आम लोगों को बडा झटका लग सकता है। खासकर नौकरीपेशा लोगों को लगातार कम होती सेविंग और बढती महंगाई की मार झेलनी पड रही है। जिस तरह से स्माॅल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों को कम करने की संभावना जताई जा रही है। अब उसी तरह प्रॉविडेंट फंड पीएफ में भी कटौती की जा सकती है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ईपीएफओ द्वारा एक बार फिर से ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है। इसके पीछे मुख्य वजह निवेश पर घटते रहने वाले रिटर्न को बताया जा रहा है, जिसके चलते प्रॉविडेंट फंड पर दिए जाने वाले ब्याज को घटाने पर विचार किया जा रहा है। आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2019-20 के पीएफ दरें 8.65 फीसदी से घटाकर 8.50 फीसदी कर दी गई है। लेकिन अभी तक उसे वित्त मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिल सकी है। श्रम मंत्रालय इसके बारे में तभी नोटिफाई करेगा, जब वित्त मंत्रालय इसे अपनी मंजूरी दे देता है।
ब्याज दरें घटने की क्या है वजह
ईपीएफओ की ओर से 18 लाख करोड रूपये से ज्यादा का इंवेस्टमेंट किया हुआ है। कुल इंनवेटमेंट में से करीब 4500 करोड रूपए एनबीएपफसी कंपनी दीवान हाउसिंग और आईएल एंड एफएस को बचाने के लिए सरकारी निगरानी में काम जारी है। ऐसे में ईपीएफओ का काफी पैसा फंस गया है। सूत्रों के अनुसार ब्याज दरों पर फैसला लेने के लिए ईपीएफओ का फाइनेंस विभाग, इन्वेस्टमेंट विभाग और ऑडिट कमेटी जल्द बैठक करने वाले हैं। इसमें ये तय किया जाएगा कि ईपीएफओ कितना ब्याज दर देने की हालत में है। आपको बता दें कि ईपीएफ अपने कुल फंड का 85 फीसदी हिस्सा डेट मार्केट (बॉन्ड्स) में और 15 फीसदी हिस्सा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) के जरिए शेयर बाजार में लगाता है. पिछले साल मार्च के अंत में इक्विटीज में ईपीएफ का कुल निवेश 74,324 करोड़ रुपये का था और उसे 14.74 प्रतिशत का रिटर्न मिला था।