ठगी के शिकार पीड़ित दलित युवकों की तहरीर पर बरेली कैंट थाने में डॉक्टर और उसके दो साथियों पर धोखाधड़ी और अन्य संबंधित धाराओं में एफआईआर
एफएनएन ब्यूरो, बरेली। खुद को रेल मंत्री का रिश्तेदार बताकर एक डॉक्टर ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर अनुसूचित जाति के तीन युवकों को रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देते हुए उनसे 9.20 लाख रुपये ठग लिए। नौकरी नहीं लगने पर दलित युवकों को ठगी का अहसास हुआ और रकम लौटाने को कहा तो आरोपियों ने धमकाया और जातिसूचक गालियां भी दीं। पीड़ितों की तहरीर पर कैंट थाना पुलिस ने तीन लोगों को नामजद करते हुए धोखाधड़ी और अन्य संबंधित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। आरोपियों में एक मुरादाबाद और एक कोलकाता, पश्चिमी बंगाल का है।
पड़ोसी रामपुर जिले के थाना व कस्बा बिलासपुर निवासी राकेश वाल्मीकि, विनोद वाल्मीकि और मुरादाबाद के थाना कांट के राना नगला निवासी निखिल कुमार ने कैंट थाने में तहरीर देकर बताया कि सुभाषनगर कोतवाली की बीडीए कॉलोनी निवासी डॉ. रितेश कुमार से जान-पहचान थी। डॉ. रितेश उर्फ हिरदेश का बुखारा रोड पर निजी अस्पताल भी है। डॉ. रितेश ने तीनों युवकों से कहा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव उसके करीबी रिश्तेदार हैं। वह उन तीनों की रेलवे के ग्रुप डी में नौकरी लगवा सकता है। इसके लिए छह-छह लाख रुपये खर्च करने होंगे। तीनों युवक उसके झांसे में आ गए। अक्तूबर 2023 में रितेश ने उन तीनों को मेडिकल कराने के लिए कोलकाता भेजा। तीन नवंबर 2023 को उनको कोलकाता में निखिल नाम का युवक मिला। उसने तीनों से 40-40 हजार रुपये लिए और हावड़ा रेलवे अस्पताल में तीनों का मेडिकल कराया और फिर इनको वापस बरेली भेज दिया। 28 नवंबर को बरेली में रितेश ने तीनों से तीन-तीन लाख रुपये लिए और उनको फर्जी नियुक्तिपत्र भी दे दिए। इस ठगी में रूपेश और निखिल के साथ मुरादाबाद के छजलैट का रहने वाला सत्यवंत भी शामिल था। तीनों युवकों की संयुक्त तहरीर पर सुभाषनगर पुलिस ने धोखाधड़ी और अन्य संबंधित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली है।