

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में सनसनीखेज वारदात, घने जंगल में शनिवार सुबह घंटों काम्बिंग करती रहीं पांच टीमें, सुराग नहीं
एफएनएन ब्यूरो, पीलीभीत। पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में शुक्रवार रात शिकारी दो चीतलों के शिकार के बाद कांबिंग में लगे एक वनकर्मी की बंदूक छीनकर बाइकों से फरार हो गए। तीन शिकारियों के जंगल में ही छुपे होने की आशंका में शनिवार सुबह घंटों तक काम्बिंग भी की गई, लेकिन शिकारियों का कोई सुराग नहीं मिला है। डीएफओ मनीष सिंह और एसपी अविनाश पांडेय ने बंदूक की बरामदगी और शिकारियों की धरपकड़ के लिए पांच टीमें लगाई हैं।

घटना माला रेंज के अंतर्गत माधोटांडा-पीलीभीत जंगल मार्ग के निकट कंपार्टमेंट नंबर 120 की है। शुक्रवार रात करीब 10:30 बजे जंगल क्षेत्र में स्थित वाॅच टावर पर ड्यूटी कर रहे वाॅचर दीपक गाइन को फायरिंग की आवाज सुनाई दी। उनका कहना है कि करीब पांच राउंड फायरिंग हुुई। इसकी उन्होंने माला रेंज कार्यालय को फोन से सूचना दी।
कुछ ही देर में वन विभाग की टीम चार पहिया वाहन से मौके के लिए रवाना हुई। जंगल क्षेत्र में वाहन को आता देख दो शिकारी चकमा देकर बाइकों से भाग गए। कांबिंग की गई तो मार्ग से 150 मीटर अंदर एक नर और एक मादा चीतल के शव पड़े मिले। शवों के टुकड़े करके कट्टे में भरने की बात भी सामने आई।
काम्बिंग के दौरान टीम को तीन शिकारियों की जंगल में मौजूदगी की भनक लगी। शनिवार सुबह करीब छह बजे अफसरों के निर्देश पर 15 वनकर्मियों ने जंगल के अलग-अलग हिस्सों में काम्बिंग की। इस बीच घटनास्थल के निकट कंपार्टमेंट संख्या 121 स्थित पेड़ से अचानक कूदा शिकारी एक वनकर्मी के हाथ से बंदूक छीनकर भाग गया और जंगल में कहीं छिप गया।

सूचना के बाद अफसरों के निर्देश पर माला रेंज की टीम ने गजरौला पुलिस और एसओजी की मदद से जंगल में शिकारियों की खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं लग सका। डीएफओ मनीष सिंह ने भी मुआयना किया और घटना के खुलासे के लिए पांच टीमों को लगाया।
चीतलों के शवों को कब्जे में ले लिया गया है। डीएफओ मनीष सिंह ने दो चीतलों का शिकार करने और शनिवार सुबह काम्बिंग के दौरान एक शिकारी के वनकर्मी की बंदूक छीनकर भाग जाने की पुष्टि की। घटना के खुलासे के लिए स्थानीय पुलिस का सहयोग भी लिया गया।