- बुग्यालों से उठते धुएं से पूरे इलाके में छाई है गहरी धुंध, 31st के जश्न में वन्य जीवों के शिकार की आशंका से विभाग सतर्क, टीमें गश्त पर
एफएनएन, मुनस्यारी (पिथौरागढ़) : वर्ष 2020 के अंतिम दिन गुरुवार को उच्च हिमालयी पंचाचूली की तलहटी के बुग्यालों से लेकर मध्य हिमालय की सर्वाधिक ऊंचाई वाले छिपला केदार तक के दर्जनों बुग्याल वन्य जीवोंं के शिकारियों द्वारा लगाई गई आग से धधक रहे हैं। बुग्यालों में लगी आग से पूरे इलाके में गहरी धुंध छाई हुई है। वन विभाग की दो टीमें क्षेत्र को रवाना हो चुकी है।
मामला वन्य जीवों के शिकारियों का होने के कारण वन विभाग ने मुनस्यारी के निकट कालामुनि से लेेकर खलिया टाप तक गश्त बढ़ा दी है। वन विभाग की टीमें नववर्ष के जश्न की खुमारी मेंं डूबे पर्यटकों द्वारा वन्य जीवों के शिकार की आशंका को लेकर भी सतर्क हैंं।
उच्च हिमालय से शीतकाल में माइग्रेशन करने वाले वन्य पशु कस्तूरा, भरल, थार, घुरड़, पक्षियों में मोनाल इस समय पंचाचूली और छिपलाकोट के बुग्यालों में शरण लिए होते हैं। इन क्षेत्रों में कोई आबादी नहीं रहती है। इस बीच ऊंचाई के इन जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही है। इधर, पंचाचूली की तलहटी से छिपलाकेदार के बुग्यालों में लगी आग से वन विभाग सक्रिय हो गया है। बुग्यालों में आग लगाकर शिकारी वन्य जीवों का शिकार करते हैं। गुरुवार की सुबह से ही दोनों स्थानों पर काफी अधिक धुआं उठ रहा है। वन विभाग ने अपनी दो टीमें इस दुर्गम पहाड़ी इलाके में भेज दी हैं। ये वन टीमें शुक्रवार तक पहुंचेंगी।

वन क्षेत्राधिकारी लवराज पांगती ने बताया कि पंचाचूली, छिपलाकोट के बुग्यालों में लगी आग बुझाने और शिकारियों का पता लगाने के लिए दो टीमें रवाना कर दी गई हैं। वन कर्मी आग बुझाने के साथ ही शिकारियों की भी तलाश करेंगे। मुनस्यारी के निकट खलिया टाप से लेकर कालामुनि तक के जंगलों में वन कर्मियों की तीन से चार टीमें गुरुवार सुबह से गश्त लगा रही हैं। यह गश्त रात भर जारी रहेगी।