
एफएनएन, देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा एक बार फिर से एक्शन मोड में हैं. करन माहरा ने राज्य सरकार से आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप को पद से हटाये जाने की मांग की है. इसके साथ ही करन माहरा केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट अदानी समूह को दिये जाने पर भी सरकार को घेरा. इसके साथ ही करन माहरा में मसूरी जॉर्ज एवरेस्ट टेंडर विवाद को लेकर भी हल्ला बोला है.

आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप मामले को लेकर करन माहरा ने आरोप लगाया कि हरिद्वार के रुड़की क्षेत्र में करीब 50 करोड़ रुपए कीमत की बेशकीमती जमीन को फर्जी कागजात के आधार पर खुर्द बुर्द किए जाने का मामला सामने आया था. इसका खुलासा करने के लिए एसआईटी का गठन किया गया. जिसके बाद फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन बेचने के आरोप में भाजपा पार्षद रहे मनीष बॉलर की गिरफ्तारी एसटीएफ ने की. 16 सितंबर को एसटीएफ ने आईजी गढ़वाल के कार्यालय से संबंध रखने वाले दो पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार किया. उन्होंने आरोप लगाया मनीष बॉलर और दोनों पुलिसकर्मियों के संबंध कुख्यात गैंगस्टर प्रवीण वाल्मीकि से हैं. उन्होंने सुनहरा की एक महिला और उसके परिजनों को डराया धमकाया. उसके नाम से फर्जी कागजात तैयार करके जमीन बेचने की साजिश रची.
करन माहरा ने सरकार से पूछा कि गैंगस्टर से संबंध रखने वाले दोनों पुलिस कर्मियों को पिथौरागढ़ से किसने आईजी गढ़वाल के ऑफिस में अटैच किया. एसटीएफ की जांच में यह भी पाया गया कि यह पुलिसकर्मी रोजाना चार से पांच बार मनीष बॉलर के साथ बातचीत किया करते थे. कांग्रेस का आरोप है कि करोड़ो रुपए के जमीन घोटाले के तार बड़े लोगों से जुड़े हुए हैं, जो इन पुलिस कर्मियों की कॉल रिकॉर्डिंग से सामने आ सकते हैं.
कांग्रेस ने मांग की है कि दोनों पुलिस कर्मियों के फोन कॉल के रिकॉर्डिंग की गहनता से जांच की जानी चाहिए. माहरा ने आशंका जताई कि हो सकता है कि इन दोनों पुलिस कर्मियों के मोबाइल फोन से कोई ना कोई बड़ा अधिकारी मनीष बॉलर के साथ बात करता रहा होगा. उन्होंने निष्पक्ष जांच के लिए सरकार से आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप को पद से हटाये जाने की मांग की है. करन माहरा ने कहा प्रदेश में जमीन घोटालों की बाढ़ आ गई है.
अडानी समूह पर विशेष कृपा: करन माहरा ने कहा धामी सरकार अदानी समूह पर विशेष कृपा कर रही है. अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को उत्तराखंड के सोनप्रयाग और केदारनाथ के बीच 13 किलोमीटर लंबे रोपवे प्रोजेक्ट के लिए 4081 करोड रुपए का ठेका दे दिया गया. इस कंपनी को रोपवे निर्माण का कोई भी अनुभव नहीं है. कांग्रेस ने अधिक हेली सेवाओं का भी विरोध किया है. उन्होंने कहा इससे उत्तराखंड के पर्यावरण को खासा नुकसान हो रहा है. उड़ानों की सीमा तय होनी चाहिए ताकि पर्यावरण को क्षति न पहुंचे.
