एफएनएन, देहरादून : छांगुर ने देहरादून में धर्मांतरण का बड़ा जाल फैलाया था। रानीपोखरी में दर्ज हुए मुकदमे की तफ्तीश में प्रेमनगर की एक और युवती का नाम सामने आया है जिसे छांगुर के गुर्गों ने अपने प्रभाव में लिया था। मूल रूप से बरेली की इस युवती को इस्लाम में लाने के बाद छांगुर के गुर्गे उसे दुबई भेजने की तैयारी कर रहे थे। उसे इस्लाम की शिक्षा पाकिस्तान के मौलवियों से दिलवाई जा रही थी।
इसके लिए युवती से दुबई के रास्ते पाकिस्तान में रुपये भी भिजवाए गए हैं। सारे तथ्य सामने आने के बाद शनिवार को प्रेमनगर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। सहसपुर के अब्दुर रहमान समेत छह लोगों को नामजद किया गया है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि गत 17 जुलाई को अब्दुर रहमान के संबंध में उत्तर प्रदेश एटीएस ने पुलिस से संपर्क किया था। प्राथमिक पूछताछ के बाद एटीएस उसे गिरफ्तार कर आगरा ले गई थी। इसी बीच जब देहरादून पुलिस ने जांच की तो पता चला कि उसने रानीपोखरी की एक युवती का धर्मांतरण कराने का प्रयास किया था। उसे यहां से दिल्ली ले जाने की तैयारी की जा रही थी। पुलिस ने 18 जुलाई को युवती के परिजनों की शिकायत पर धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।
युवती को इस्लाम में आने के लिए मरियम नाम दिया गया था। मरियम से जब पूछताछ की गई तो उसने इस गिरोह के बारे में और भी जानकारी दी। पता चला कि इस गिरोह ने प्रेमनगर में रहकर पढ़ाई कर रही सुमैया नाम की युवती को भी अपने झांसे में लिया है। उसका भी धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया जा रहा है। सुमैया नाम भी उसे छांगुर गिरोह ने ही दिया है। सुमैया की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय से हुई है। उसने गणित से बीएससी और फिर फाइन आर्ट्स से परास्नातक की डिग्री हासिल की। बरेली में रहने के दौरान ही वह एक मुस्लिम युवती के संपर्क में थी। उसने उसे फोन पर ही 2022 में कलमा पढ़ाया और कहा कि अब वह मुस्लिम बन गई है।
उसे इस्लाम के बारे में अच्छी-अच्छी बातें बताकर उसे तमाम तरह के प्रलोभन दिए जाने लगे। इसके बाद उसकी कश्मीर की कुछ युवतियों और युवकों से जूम एप के माध्यम से मीटिंग कराई गई। इसमें उसे धार्मिक शिक्षा दी जाने लगी। इसके बाद उसे पाकिस्तान के ग्रुप में जोड़कर उसे पाकिस्तान के मौलवियों से इस्लाम की शिक्षा दिलाई जाने लगी। पाकिस्तान के मौलवी ने उसे मुफ्त शिक्षा देने की बात कही लेकिन सुमैया उसे पैसा देना चाहती थी।
इसके लिए उसका संपर्क स्थानीय गुर्गों से कराया गया। उन्होंने उससे रुपये पहले दुबई भिजवाए और फिर वहां से पाकिस्तान के इस मौलवी को। एसएसपी ने बताया कि यह सब बात सामने आने के बाद पुलिस और उसके परिवार वालों ने सुमैया की काउंसलिंग कराई। पता चला है कि गिरोह उसे दिल्ली के रास्ते दुबई भेजने वाला था। वहां पर उसका एक मुस्लिम युवक से निकाह कराया जाना था। इसके बाद उसके भाई की शिकायत पर प्रेमनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया।
आरोपियों को बी वारंट पर लाएगी पुलिस
एसएसपी ने बताया कि इस मामले में सभी छह आरोपी यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किए थे। इन सभी को अब देहरादून बी वारंट पर लाया जाएगा। इसके लिए टीम तैयार कर दी गई है जो कि आगरा में इस संबंध में आवेदन करेगी।
ये हैं आरोपी
- अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल सिंह निवासी भगत विहार, करावलनगर, दिल्ली
- अब्दुल रहीम (अब्दुल रहमान का बेटा)
- अब्दुल्ला (अब्दुल रहमान का बेटा)
- अब्दुर रहमान उर्फ रुपेंद्र प्रताप सिंह निवासी शंकरपुर, सहसपुर देहरादून (रानीपोखरी के मुकदमे में नामजद)
- आयशा उर्फ कृष्णा निवासी ओल्ड गोवा (रानीपोखरी के मुकदमे में नामजद)
- सुलेमान निनासी कांवली देहरादून
पाकिस्तानी ऑनलाइन लूडो के खेल में धर्म परिवर्तन का खेल
सुमैया ने पुलिस को बताया कि उसने गिरोह के कहने पर पाकिस्तानी मोबाइल एप लूडो स्टार डाउनलोड किया था। वह पाकिस्तान के लोगों के साथ लूडो खेलने लगी। इनसे उसकी बातें भी होने लगीं। बातों ही बातों में पाकिस्तानियों ने इस्लाम के बारे में बात करना शुरू किया। सुमैया की रुचि इस्लाम में है यह जानकार वह उसका स्वागत गर्मजोशी से करने लगे। उसे लगने लगा कि वह एक सेलिब्रिटी की तरह है। उसे इस बात से बेहद आनंद मिलने लगा। धीरे-धीरे उसका झुकाव इस्लाम की और ज्यादा हो गया। इस दौरान उसकी पहचान पाकिस्तान के रहने वाले मौलवी तनवीर अहमद से हुई जिसने उसे निशुल्क इस्लाम की शिक्षा देना शुरू कर दिया।
दून के सुलेमान ने किया सुमैया से संपर्क, पाक भिजवाए रुपये
मौलवी से सुमैया मुफ्त में शिक्षा नहीं लेना चाहती थी। इस पर उसकी पहचान सुलेमान से कराई गई। एसएसपी ने बताया कि सुलेमान देहरादून के कांवली का रहने वाला है और दुबई में रहता है। उसने सुमैया से कहा कि अगर उसने सीधे मौलवी के खाते में पैसे जमा किए तो वह शक के दायरे में आ जाएगी। ऐसे में उसने सुमैया से कहा कि भारत से कुछ और लोग भी मौलवी को रकम भेजना चाहते हैं। इन रुपयों को सुलेमान ने सुमैया के खाते में जमा कराया और उन्हें दुबई मंगवा लिया। यहां से सुलेमान ने मौलवी को पाकिस्तान में रुपये भेजे। एसएसपी ने बताया कि इस लेनदेन की पुष्टि भी विवेचना में हुई है।