Thursday, November 21, 2024
spot_img
spot_img
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
HomeदुनियाClimate Change: वर्ष 2100 तक सूख सकते हैं 30 फीसदी जल आवास,...

Climate Change: वर्ष 2100 तक सूख सकते हैं 30 फीसदी जल आवास, संकट में जलीय जीवों का अस्तित्व

एफएनएन ब्यूरो, नई दिल्ली। ग्लोबल वार्मिंग जिस तेजी से बढ़ रही है, उससे 30 फीसदी प्राकृतिक जल आवासों के वर्ष 2100 तक पूरी तरह सूख सकते हैं। ऐसा हुआ तो मेंढक और टोड जैसे जलीय जीवों (एनुरान) का अस्तित्व खतरे में पड़ने की आशंका है।

नेचर क्लाइमेट चेंज पत्रिका में प्रकाशित एक शोध अध्ययन के मुताबिक, जलीय जीव (एनुरान) ध्रुवीय क्षेत्रों, कुछ समुद्री द्वीपों और अत्यंत शुष्क रेगिस्तानों को छोड़कर दुनिया के अधिकांश हिस्सों में पाए जाते हैं। उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में एनुरान विविधता सबसे अधिक है। वर्तमान में एनुरान के 25 परिवार करीब 4,000 प्रजातियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

शोधकर्ताओं ने दुनियाभर के ऐसे क्षेत्रों का मानचित्रण करने के लिए विभिन्न उपकरणों का उपयोग किया, जहां तापमान बढ़ने और सूखा पड़ने के आसार हैं। शोध में भीषण सूखे के प्रति पारिस्थितिकी संवेदनशीलता का भी अनुमान लगाया और कई जलवायु परिवर्तन परिदृश्यों के तहत संभावित व्यावहारिक प्रभाव को दर्शाने वाले मॉडल बनाए। इस दौरान देखा गया कि भयंकर सूखे के कारण उन जल आवासों में पानी की भारी कमी होगी, जहां एनुरान रहते हैं। ऐसे में जलीय आवासों के आकार घट जाएंगे या बिल्कुल गायब हो जाएंगे। ऐसे बदलाव एनुरान के लिए जीवन को और भी कठिन बना देंगे जो पहले से ही जंगलों के काटे जाने, फंगल प्रकोप, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ते तापमान के कारण चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

पारिस्थितिकी तंत्र के लिए जरूरी हैं एनुरान
मेंढक और टोड शैवाल खाते हैं, जिससे फूलों का विकास नियंत्रित होता है। मेंढक पक्षियों, मछलियों और सांपों सहित कई जीवों के लिए भोजन का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। मेंढकों के खत्म होने से खाद्य जाल में मूलभूत विघटन हो सकता है, जिसका प्रभाव पूरे पारिस्थितिकी तंत्र पर पड़ेगा। एनुरान अच्छे जैविक मॉनीटर होते हैं। उन्हें बगीचे में पाकर बहुत कुछ सीखा जा सकता है। इनकी गतिविधियां इस बात का संकेत देती हैं कि क्षेत्र में कुछ गड़बड़ है। अगर वे खुशी-खुशी प्रजनन कर रहे हैं और क्षेत्र में रह रहे हैं तो सब कुछ ठीक-ठाक है। मेंढकों की उपस्थिति इस बात का संकेत देती है कि खेत अथवा बगीचे में परिस्थितियां अच्छी हैं। यदि वहां रहने वाले मेंढक अचानक गायब हो जाएं तो यह बड़ी गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments