Saturday, October 19, 2024
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बरेली नगर निगम में बड़ा फर्जीवाड़ा: दूसरी फर्म का अनुभव प्रमाणपत्र लगाकर हथियाया लाखों का ठेका

सीएम पोर्टल पर शिकायत के बाद नगर निगम प्रशासन को भेजी गई जिला पंचायत की रिपोर्ट से हुआ खुलासा

एफएनएन ब्यूरो, बरेली। जिला पंचायत की दूसरी फर्म का अनुभव प्रमाणपत्र लगाकर शातिर ठेकेदार ने बरेली नगर निगम से लाखों का ठेका हथिया लिया। मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत के बाद जिला पंचायत की ओर से नगर निगम प्रशासन को भेजी गई रिपोर्ट में इस बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर जिम्मेदार अफसरों में हड़कम्प मचा हुआ है। नगर निगम के निर्माण विभाग के जेई से लेकर टेंडर प्रपत्रों की जांच करने वाली कमेटी के सदस्य तक अब जांच और कठोर कार्रवाई के लपेटे में हैं।

मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज कराई गई एक शिकायत में बताया गया है कि नेचरस इंटरप्राइजेज फर्म द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नगर निगम में नाली, सीसी सड़क निर्माण के ठेके हथिया लिए हैं। संबंधित फर्म ने जिला पंचायत के तीन कार्यों के अनुभव प्रमाणपत्र लगाए हैं लेकिन इन तीनों में से एक भी कार्य इस फर्म द्वारा करवाया ही नहीं गया है। आरोप है कि दूसरे ठेकेदार के कार्य को अपना बताकर अधिकारियों की साठगांठ से लाखों रुपये का टेंडर लेकर रकम का बंदरबांट कर लिया गया। सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज होने के बाद नगर निगम की ओर से अनुभव प्रमाणपत्र की जांच के लिए जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी को पत्र भेजा गया तो एएमए ने रिपोर्ट दी कि उक्त फर्म जिला पंचायत में पंजीकृत ही नहीं है। जिला पंचायत कार्यालय द्वारा उक्त ठेकेदार फर्म को कोई अनुभव प्रमाणपत्र जारी किए जाने से भी एएमए ने साफ इन्कार कर दिया है। एएमए के पत्र में जोर देकर कहा गया है कि अनुभव के तौर पर फर्म ने जो दस्तावेज लगाए हैं, वह तीनों कार्य दरअसल दूसरी ठेकेदार फर्म ने कराए हैं।

जांच में फंस सकते हैं कई बड़े नाम

गलत दस्तावेजों पर फर्म को काम मिलने के मामले में कई बड़े जिम्मेदारों की गरदनें फंसना तय मानी जा रही हैं। यहां बताना जरूरी है कि निगम के ठेकों में हो रही गड़बड़ियों को रोकने के लिए पूर्व नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स ने मुख्य अभियंता, एक्सईएन और सहायक लेखाधिकारी की अगुवाई में टेंडर जांच कमेटी बनाई थी। इस जांच कमेटी का मुख्य काम टेंडर में लगाए गए दस्तावेजों की सत्यता की जांच करना ही था। इस जांच के बाद भी फर्जी दस्तावेजों पर फर्म को ठेका दे दिया गया। इसलिए अब मामले की रिपोर्ट शासन को भेजने की तैयारी है। यह भी देखा जाएगा कि फर्म को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर और कौन-कौन से काम मिले हैं?

संबंधितों से होगा जवाब तलब, शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट
“यह वाकई बड़ी लापरवाही है। इस मामले में टेंडर कमेटी, संबंधित जेई, एई सबसे जवाब तलब किया जाएगा। टेंडर देने में किसकी भूमिका रही, इसकी भी जांच होगी। इस बड़े मामले की पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा।” -उमेश गौतम, महापौर, नगर निगम, बरेली।

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