

भोजीपुरा थाना क्षेत्र के गांव में सामूहिक दुराचार के बाद किशोरी द्वारा आत्म दाह कर लेने का मामला
पुलिस अफसर बोले-विसरा रिपोर्ट के आधार पर ही बढ़ाई जाएगी आत्मदाह को उकसाने की धारा
एफएनएन ब्यूरो, बरेली। जनपद बरेली के थाना भोजीपुरा के एक गांव में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार किशोरी के आत्मदाह मामले में पुलिस ने दोनों नाबालिग आरोपियों को किशोर सदन भेज दिया है। घटना में सामूहिक दुष्कर्म की धारा भी बढ़ाई गई है लेकिन आत्महत्या को उकसाने की धारा लैब से विसरा की रिपोर्ट आने के बाद सामने आने वाले नए तथ्यों के आधार पर ही बढ़ाई जा सकेगी।
ज्ञात रहे कि भोजीपुरा थाना क्षेत्र के एक गांव में 26 अगस्त को नौवीं क्लास की 13 साल की नाबालिग छात्रा को गांव में रहने वाले दो हमउम्र छात्र घर से बुलाकर उसी के पिता के गन्ने के खेत में ले गए थे। एक छात्र पहले किशोरी के हाथ पकड़े रहा और दूसरे ने दुष्कर्म किया था। बाद में दुष्कर्म कर चुका लड़का किशोरी के हाथ पकड़े रहा जबकि दूसरे ने बुरा काम किया था।
चीख-पुकार पर छात्रा की बड़ी बहन के पहुंचने पर दोनों फरार हो गए। पुलिस जांच के मुताबिक जानकारी होने पर परिजनों ने छात्रा की डांट लगाई थी। छात्रा ने 27 अगस्त को बदनामी की वजह से शरीर पर डीजल छिड़ककर आग लगा ली थी।
परिजन गंभीर हालत में उसे शहर के निजी अस्पताल में ले गए थे। वहां से डॉक्टर ने उसे मेडिकल कॉलेज भेज दिया। छात्रा की रास्ते में मृत्यु हो गई। पुलिस ने छात्रा के पिता की तहरीर पर गांव के ही दोनों किशोरों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की थी।
बाद में हाईवे के धौंरा-अटामांडा रोड तिराहे से एसओ रामरतन सिंह और चौकी इंचार्ज धौराटांडा संजय कुमार ने इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि दोनों छात्र अव्यस्क हैं। इसलिए किशोर सदन भेजा गया है। इनके खिलाफ दुष्कर्म और आत्महत्या को उकसाने की रिपोर्ट थी, अब सामूहिक दुष्कर्म की धारा में कार्रवाई हुई है।
आत्महत्या को उकसाने की पुष्टि नहीं
छात्रा की मौत की गुत्थी उलझ गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा की मौत जलने से होने की पुष्टि नहीं हुई है। उसका शरीर तो 60 फीसदी जला था लेकिन कार्बन के कण श्वांस नली में नहीं मिलने से पेच फंस गया है। दरअसल, जलने से मौत अक्सर श्वांस नली में कार्बन फंसने की वजह से ही होती है।

विसरा रिपोर्ट से होगा फैसला
विसरा परीक्षण के लिए लैब को भेजा गया है। लैब से विसरा रिपोर्ट में मौत की वजह स्पष्ट होने के बाद ही आत्महत्या को उकसाने की धारा मुकदमे में कायम रखने या नहीं रखने पर निर्णय लिया जाएगा। -रामरतन सिंह, थानाध्यक्ष भोजीपुरा