बेसमेंट्स में धींगामुश्ती से चलाए रहे कोचिंग, नर्सिंग होम, रेस्टोरेंट्स के खिलाफ चला छापेमारी अभियान, थमाए नोटिस
एफएनएन ब्यूरो, बरेली। महानगर की कम से कम 150 ऐसी आलीशान इमारतें इन दिनों बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) के निशाने पर हैं जिनके बेसमेंट का इस्तेमाल अवैध रूप से व्यावसायिक कार्यों के लिए किया जा रहा है।
बरेली में भी तमाम सख्त कायदे-कानूनों को ताख पर रखते हुए धींगामुश्ती से भवनों के बेसमेंट्स में ही सबसे ज्यादा नर्सिंग होम्स, कोचिंग सेंटर्स, रेस्टोरेंट्स वगैरह चलाए रहे हैं। नोएडा में बेसमेंट में चल रहे एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में भारी जलभराव में फंसकर तीन स्टूडेंट्स की दर्दनाक मौत के बड़े हादसे से सबक लेकर अब सख्ती दिखाने के मूड में दिख रहे बीडीए प्रशासन ने शहर के ऐसे सभी भवन मालिकों से उनके भवनों के नक्शे तलब कर लिए हैं।
बीडीए ने पूछा है कि वे किस आधार पर बेसमेंट का व्यावसायिक कार्यों में नियम विरुद्ध इस्तेमाल कर रहे हैं। बीडीए ने भवन मालिकों को नोटिस देकर नक्शे के विपरीत निर्माण और प्रयोग करने पर उसे सात दिन के अंदर ठीक करने की चेतावनी भी दी है। सात दिन में अवैध निर्माण स्वेच्छा से नहीं हटाने पर संबंधित भवनों को नियमानुसार सील करवा दिया जायेगा।
मास्टर प्लान 2031 के प्रावधानों का अनुपालन होगा अनिवार्य
सार्वजनिक भवनों में बेसमेंट के उपयोग के संबंध में बरेली मास्टर प्लान 2031 के सभी प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित कराने को प्रदेश शासन ने सर्कुलर जारी किया है। बीडीए प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि शिक्षण संस्थाओं की इमारतों में अगर कोई बेसमेंट है तो उसका उपयोग केवल मास्टर प्लान में स्वीकृत योजना के अनुसार ही किया जा सकता है। कोचिंग सेंटर, नर्सिंग होम, निजी अस्पताल समेत अन्य सभी व्यावसायिक गतिविधियों के लिए बनी इमारतों के सभी प्रवेश और निकास द्वार अनिवार्य रूप से चालू और खुले रखने होंगे। बेसमेंट तक लोगों की आसान पहुंच उचित रूप से चिह्नित होनी चाहिए।
कई भवनों के बेसमेंट्स में अवैध व्यावसायिक कार्य बंद कराए
मिनी बाईपास रोड पर करुणा हॉस्पिटल बिल्डिंग के बेसमेन्ट में गौरव गंगवार और अरविन्द गंगवार द्वारा 127 सीट की श्योर सक्सेस लाईब्रेरी चलाई जा रही थी। शुक्रवार को बीडीए की टीम ने लाइब्रेरी हटवाकर बेसमेंट को सीलबन्द कराने का नोटिस थमा दिया। इसी तरह हरूनगला रोड पर साई मंदिर के सामने शिवम शंखधार द्वारा बेसमेन्ट में चलाई जा रही लाइब्रेरी हटवाकर उसे भी सील करवाने का नोटिस दिया गया। इसके अलावा डेलापीर रोड पर भी कई भवनों में बेसमेंट का कामर्शियल इस्तेमाल प्लाईवुड समेत अन्य कारोबारों के वास्ते किया जा रहा था। इन सभी भवनों के स्वामियों के विरुद्ध भी उप्र नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत सीलबन्दी के नोटिस की कार्यवाही की गयी।
अवैध रूप से संचालित सभी बेसमेन्ट होंगे सील
“बेसमेंट्स की जांच के लिए सर्वे लगातार जारी है। बीडीए की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं। अभी तक किसी भी भवन को सील नहीं किया गया है। नोटिस जारी किए जा रहे हैं। सर्वे का काम अभी चलता रहेगा।– मनिकंडन ए., बीडीए उपाध्यक्ष“