एफएनएन, गैरसैंण/रामनगर: चमोली जिले के विकासखंड गैरसैंण में बुधवार शाम शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने ग्रामीणों की मुश्किलों को कई गुना बढ़ा दिया. लगातार तीन घंटे की बारिश से रामगंगा नदी ने रौद्र रूप ले लिया. लोगों ने माने तो बुधवार रामगंगा का जलस्तर 2013 की आपदा के दौरान बने जलस्तर से भी ऊपर पहुंच गया था. बाढ़ जैसे हालात पैदा होने के डर से सहने सिमाण, आगरचट्टी, मेहलचौरी और राईकोट कस्बे के लोग रातभर मोबाइल की फ्लैश लाइट और टॉर्च के सहारे नदी का जलस्तर की निगरानी करते रहे.
वहीं, गैरसैंण के कई गांवों में भारी बारिश के बीच बत्ती भी गुल रही. एक तरफ भारी बारिश व नदी का डराने वाला शोर और दूसरी तरफ बिजली जाने से फैले अंधेरे ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी. मेहलचौरी के मच्छबगड़ मैदान के आसपास पानी घुसने से दर्जनों परिवार जान बचाने के लिए अपने घरों को छोड़ सड़क पर चले आए. जबकि नदी के किनारे रहने वाले कई परिवारों ने अन्य लोगों के सुरक्षित घरों में शरण ली. मेहलचौरी में रामगंगा नदी किनारे मच्छबगड़ के खेल मैदान और उससे लगे विद्या मंदिर और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर समेत कई घरों में पानी घुसने से अफरा-तफरी का माहौल दिखाई दिया.
हालांकि, रात 10 बजे बारिश थमने और जलस्तर में कमी आने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली. उल्लेखनीय है कि 2015 में रामगंगा नदी से बाढ़ नियंत्रण के लिए बनी 6 से 8 फीट ऊंची दीवारों को पारकर पानी मैदान और उसके आसपास फैल गया. स्थानीय निवासियों ने कहा कि सुरक्षा दीवार न होती तो क्षेत्र में जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता था.
उत्तराखंड के कई इलाकों में बुधवार देर शाम हुई बारिश ने कई इलाकों को प्रभावित किया. नैनीताल में नेशनल हाईवे 309 पर स्थित धनगढ़ी नाले के उफान पर आने से देर रात एक कार फंस गई. कार में दो माह का बच्चा समेत 5 लोग सवार थे. पानी के तेज बहाव में कार बहने लगी. हालांकि पहले से ही तैनात रामनगर पुलिस ने कार सवारों बाहर निकाला और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. बाद में पुलिस ने आधे घंटे की मशक्कत के बाद कार को नाले से बाहर निकाला और सभी को सुरक्षित रवाना किया.