बरेली के ही चर्चित युवा कवि-ग़ज़लकार राज मिश्र ग़ज़लराज भी हुए सम्मानित, ग़ज़लराज़ ने ग्रहण किया श्री साग़र का अभिनंदनपत्र
एफएनएन,ब्यूरो,बरेली/वाराणसी। बरेली के चर्चित ग़ज़लकार-गीतकार विनय जायसवाल ‘साग़र’ को हाल ही में वाराणसी में एक साहित्यिक संस्था द्वारा वर्ष 2024 के दुष्यंत कुमार सारस्वत सम्मान से अलंकृत किया गया।
विश्व हिंदी शोध संवर्धन अकादमी वाराणसी के तत्वावधान में आयोजित इस सारस्वत सम्मान समारोह में वरिष्ठ ग़ज़लकार गिरीश पांडेय बनारसी के ग़ज़ल संग्रह ‘बरगद के साये में’ और जय प्रकाश मिश्र ‘धानापुरी’ की शोधपरक पुस्तक ‘काशी की क़लम’ का लोकार्पण भी किया गया। कवि सम्मेलन पूरी रात चलता रहा।
इस कार्यक्रम में बरेली से मुख्य अतिथि के रूप में मशहूर शायर विनय साग़र जायसवाल को अलंकरण के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। लेकिन अचानक श्री ‘साग़र’ बीमार पड़ गये और कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके।
उनके प्रतिनिधि के तौर पर बरेली से समारोह में सम्मिलित हुए चर्चित युवा कवि-ग़ज़लकार राज मिश्र ‘ग़ज़लराज’ ने श्री साग़र का सम्मानपत्र और अलंकरण ग्रहण किया। ग़ज़लराज को कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि की हैसियत से मंच पर विराजमान कराया गया और सम्मानित भी किया गया।
अकादमी के संस्थापक निदेशक हीरालाल मिश्र ‘मधुकर’, संरक्षक केशव जालान भाईजी, प्रांतीय निदेशक गिरीश पाण्डेय बनारसी, प्रांतीय सचिव भोलानाथ तिवारी ‘विट्ठल’ ने सम्मानित होने वाली विभूतियों को,अपने हाथों से सम्मानपत्र, अंगवस्त्र औऱ सुगंधित पुष्पों,की मालाएं पहनाकर सम्मानित किया।
श्री ग़ज़लराज की शानदार ग़ज़लों, छंदों और गीतों को खचाखच भरे विशाल सभागार में काव्य प्रेमियों ने बहुत तन्मयता से सुना और,पूरे समय वाहवाह करते और तालियां बजाते रहे। उस्ताद शाइर श्री ‘साग़र’ का सम्मान पत्र और पुस्तकें विनय साग़़र जायसवाल उनके प्रतिनिधि के रूप में ग़ज़लराज ने ग्रहण कींं।