एफएनएन, नैनीताल : आपदा की दृष्टि से अतिसंवेदनशील उत्तराखंड में अब विकट परिस्थिति से निपटने के लिए बेहतर इंतजाम होंगे। भारत सरकार ने वर्ल्ड बैंक (World bank) से 1400 करोड़ के प्रोजेक्ट में मंजूरी दिलाकर प्रदेश को बड़ा तोहफा दिया है। आपदा प्रबंधन के इस प्रोजेक्ट को सरकार ने सैद्धान्तिक मंजूरी दे दी है। प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के हर जिले के आपदा कंट्रोल रूम को अंतराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित किया जाएगा। साथ ही प्रदेशभर में नए फायर स्टेशन, फारेस्ट फायर कंट्रोल रूम निर्माण तमाम कार्य किए जाएंगे।
- भूस्खलन और बादल फटना आम
आपदा की दृष्टि से प्रदेश बेहद ही संवेदनशील है। प्रदेश में भूस्खलन और अतिवृष्टि से बादल फटने जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। समय समय पर घटित आपदा से जान माल का भारी नुकसान उठाना पड़ता है। वहीं इससे निपटने के इंतजाम भी कम पड़ जाते है। मगर अब प्रदेश में आपदा से निपटने को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप संसाधन मौजूद होंगे।
- जल्द ही मिलेगा लिखित आदेश
आपदा प्रबंधन सचिव डॉ रंजीत सिन्हा ने बताया कि प्रदेश को आपदा प्रोजेक्ट के तहत बड़ा तोहफा मिला है। केंद्र सरकार ने प्रदेश के लिए वर्ल्ड बैंक से 1400 करोड़ का प्रोजेक्ट स्वीकृत करवाया है। जिसके लिए सरकार ने सैद्धान्तिक मंजूरी दे दी है। कुछ ही दिनों में केंद्र सरकार से लिखित आदेश भी प्राप्त हो जाएगा। प्रोजेक्ट के तहत रखे गए प्रस्तावों के टेंडर और अन्य प्रक्रियाएं पूर्ण होने के बाद बजट भी मिल जाएगा।
- वनाग्नि से निपटने को बनेंगे फायर कंट्रोल रूम
प्रदेश में वनाग्नि आपदा की दृष्टि से बेहद विनाशकारी है। फरवरी से जून तक का फायर सीजन बेहद ही चुनौतीपूर्ण रहता है। तापमान में बढ़ोतरी के साथ प्रदेश में चीड़ के वन सुलगने लगते है। वनों की आग कई बार आबादी क्षेत्रो तक भी पहुंच जाती है। जिससे करोड़ों की वन संपदा के साथ ही कई बार जनहानि भी हो जाती है। मगर विस्तृत क्षेत्र होने के कारण वन विभाग के इंतजाम नाकाफी साबित होते है। डॉ सिन्हा ने बताया कि वनाग्नि से निपटने के लिए भी आधुनिक तकनीकों को अपनाया जाएगा। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में फायर कंट्रोल रूम और चौकियों का निर्माण किया जाएगा। साथ ही इन केंद्रों के संचार व्यवस्था को और बेहतर किया जाएगा।
- बनेंगे पुल, स्लाइडिंग जोन का होगा ट्रीटमेंट
प्रदेश में अतिवृष्टि के चलते भूस्खलन बेहद गंभीर समस्या है। प्रदेश में कई भूस्खलन क्षेत्र खतरे की ओर इशारा कर रहे है। डॉ सिन्हा ने बताया कि प्रोजेक्ट में नए पुलों के निर्माण को भी शामिल किया गया है। साथ ही प्रदेश में अतिसंवेदनशील 20 भूस्खलन क्षेत्रो को चिन्हित किया गया है। बजट मिलने के बाद नई पुलों के निर्माण के साथ ही स्लाइडिंग जोन का स्थायी ट्रीटमेंट किया जाएगा।
- प्रदेश में खुलेंगे 30 फायर स्टेशन
डॉ सिन्हा ने बताया कि आबादी में बढ़ोतरी के साथ फायर स्टेशनों के विस्तार की जरूरत महसूस होने लगी है। प्रोजेक्ट में फायर स्टेशनों के विस्तार को भी शामिल किया गया है। जिसके तहत प्रदेश में करीब 30 नए फायर स्टेशन अथवा छोटी यूनिट खोली जाएगी। साथ ही सभी फायर स्टेशनों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
- अंतराष्ट्रीय मानकों पर भी खरे उतरेंगे आपदा प्रबंधन के इंतजाम
डॉ सिन्हा ने बताया कि 1400 करोड़ के प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के हर जिले में स्थित आपदा कंट्रोल रूम को अत्याधुनिक किया जाएगा। जिलों में उपयोगी उपकरणों के साथ ही कंट्रोल रूम के सिस्टम को अपग्रेट किया जाएगा। आपदा से निपटने को अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रयोग में लायी जा रही तकनीक को ग्रहण कर सुविधा को और बेहतर किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने वर्ल्ड बैंक से प्रदेश के लिए 1400 करोड़ का प्रोजेक्ट स्वीकृत किया है। जिसकी मौखिक मंजूरी सरकार की ओर से जताई गई है। हालांकि अभी सरकार के लिखित आर्डर का इंतजार है। आज प्रोजेक्ट प्रदेश में आपदा से निपटने को सुविधाओ को विकसित किये जाने के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा।