एफएनएन, देहरादून : प्रदेश में बृहस्पतिवार को 20 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं, जबकि 17 मरीज ठीक हुए हैं। 131 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है। तीसरी लहर में कुल संक्रमितों की संख्या 93104 हो गई है। देहरादून जिले में 14, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में दो-दो, बागेश्वर व टिहरी जिले में एक-एक संक्रमित मिला है।
बीते 24 घंटे के भीतर कोरोना मरीजों की कोई मौत नहीं हुई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मुताबिक कोरोना अब बड़ा खतरा नहीं है। देश में बड़े पैमाने पर लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है। लोगों में हर्ड इम्युनिटी भी विकसित हो गई है। अगर लोग संदिग्ध लक्षण महसूस कर रहे हैं तो सेल्फ आईसोलेशन में ही कुछ समय में स्वस्थ हो जाएंगे।
अप्रैल में एम्स के चिकित्सा विशेषज्ञ के हवाले से जून और जुलाई के बीच चौथी लहर आने की आशंका व्यक्त की गई थी। देशभर के चिकित्सा विशेषज्ञ अब जून के अंत तक चौथी लहर आने का दावा कर रहे हैं। वहीं देश में कोरोना संक्रमण के मामले भी एक बार फिर बढ़ रहे हैं। एम्स के सोशल आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि चौथी लहर के दौरान अब पहले जैसे हालत नहीं बनेंगे।
अगर अचानक कोरोना की जांच बढ़ाई जाती है तो लोगों में भय पैदा होगा। लोग अब भी संक्रमित हो रहे हैं। हालांकि, संक्रमण को मात देकर वह आसानी से ठीक भी हो रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण हर्ड इम्युनिटी और केंद्र सरकार के वैक्सीनेशन अभियान की सफलता है। उन्होंने बताया कि अधिकांश लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं।
लोगों को बूस्टर डोज भी लगवानी चाहिए, लेकिन अगर बूस्टर डोज नहीं लगवाते हैं तो भी लग चुकी वैक्सीन संक्रमण के गंभीर लक्षणों से बचाएगी। उन्होंने बताया कि किसी में अगर सर्दी, जुकाम, बुखार और गले में खराश जैसे संदिग्ध लक्षण हैं तो उसको सेल्फ आईसोलेट होना चाहिए। पौष्टिक भोजन, फलों के सेवन और हल्की फुल्की मेडिसिन से व्यक्ति घर में ठीक हो जाएगा।
किडनी, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर, एचआईवी और अन्य गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों को पहले की तरह पूूरी एहतियात बरतनी होगी। वैक्सीन संक्रमण से नहीं उसके गंभीर परिणामों से बचाती है, इसलिए स्वयं और आसपास के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए मास्क पहनें, हाथ धोएं और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करना जरूरी है।