Thursday, November 13, 2025
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हल्द्वानी की सबसे अहम सड़क नैनीताल रोड को लेकर लोक निर्माण विभाग व एनएचएआइ में विवाद

एफएनएन,हल्द्वानी: हल्द्वानी की सबसे अहम सड़क नैनीताल रोड को लेकर लोक निर्माण विभाग व एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) में विवाद की स्थिति बनी है। लोनिवि का कहना है कि इस सड़क को पूरी तरह से सुधारने के लिए एनएचएआई से पहले 18 करोड़ रुपये मांगे गए थे।

बजट ज्यादा होने का हवाला देने पर पुन: सर्वे कर प्रस्ताव को संशोधित किया। जिसके बाद 14.40 करोड़ की डिमांड की गई। वहीं एनएचएआइ का कहना है कि लोक निर्माण विभाग डबल लेयर बिछाने के चक्कर में है। जबकि यह सड़क तो सिंगल लेयर में पूरी तरह दुरुस्त हो जाएगी। एनएचएआइ की कंसलटेंट कंपनी बकायदा सड़क का पूरा सर्वे कर चुकी है। फिर पैसों की बर्बादी क्यों की

नैनीताल रोड को शहर की सबसे मुख्य सड़क माना जाता है। आठ साल पहले इसका सुधारीकरण किया गया था। अब लोक निर्माण विभाग का कहना है कि कई जगहों पर गड्ढे होने के साथ सड़क की स्थिति भी खराब हुई है। अहम मार्ग होने के कारण नए सिरे सुधारीकरण को लेकर पूर्व में दिल्ली की एक कंपनी से सर्वे करवाया गया था। जो कि मशीनों द्वारा हुआ। जिसके बाद कंपनी ने सलाह दी थी कि लंबे समय तक टिकाऊ और बेहतर गुणवत्ता के लिए पहले डीबीएम फिर बीसी की लेयर लगाई जाएगी।

20, 10 और छह एमएम की गिट्टी का प्लांट से मिश्रण तैयार कर उसमें तारकोल मिला यह लेयर तेयर होती है। डीबीएम व बीसी में अलग-अलग मिश्रण होता है। लोक निर्माण विभाग का कहना है कि एनएचएआइ के कहने पर बजट में संशोधन कर 18 करोड़ की बजाय बाद में 14.40 करोड़ मांगे गए थे। मगर एनएचएआइ इतनी रकम देने को तैयार नहीं है। जबकि एनएचएआइ का कहना है कि उसकी टीम ने भी नैनीताल रोड का सर्वे किया था। जिसके बाद मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी गई। रिपोर्ट में भी निर्देश मिले थे कि दो लेयर की जरूरत नहीं है। सिर्फ बीसी से काम चल जाएगा। बस इस विवाद को लेकर नैनीताल रोड की नए सिरे से मरम्मत का मामला अटका हुआ है।

ईई लोनिवि अशोक कुमार ने बताया कि बाहर से मंगाई मशीनों से भी नैनीताल रोड का परीक्षण करवाया गया था। जिसके बाद डबल लेयर का सुझाव मिला। इस हिसाब से बजट मांगा गया था। लोनिवि इस सड़क कस्टोडियन है। स्वामित्व एनएचएआइ के पास है। प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएचएआइ योगेंद्र शर्मा का कहना है कि बाइपास एनएचएआइ के पास आने की वजह से यह सड़क लोनिवि की जिम्मेदारी है। फिर भी मरम्मत के पैसे देने को तैयार है। लेकिन डबल लेयर का फार्मूला जरूरी नहीं है। सिंगल लेयर से सड़क बेहतर हो जाएगी।

एनएचएआइ का सवाल, हमारा स्वामित्व कैसे लोक निर्माण विभाग का कहना है कि वह इस सड़क की देखरेख की जिम्मेदारी निभाते हैं। सड़क फिलहाल एनएचएआइ के पास है। जबकि एनएचएआइ का कहना है कि जब तीन पानी से लेकर काठगोदाम तक का बाइपास उनके पास आ चुका है। फिर इस नौ किमी आंतरिक मार्ग की जिम्मेदारी उनके पास क्यों रहेगी। अन्य शहरों में भी बाइपास हैंडओवर होने पर अंदरूनी सड़कें लोनिवि के सुपुर्द कर दी गई थी।

 

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