एफएनएन, रुद्रपुर :वर्ष 2016 में नौ साल के बालक के साथ कुकर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश पॉस्को ने आरोपी को बीस साल की सजा और सत्तर हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। इस दौरान एडीजीसी ने न्यायालय के सामने सात गवाह पेश किए और पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने में अहम भूमिका निभाई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विकास गुप्ता ने बताया कि गदरपुर थाने में एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि 22 जनवरी 2016 की दोपहर उसका नौ वर्षीय बेटा स्कूल से आया तो उस वक्त पत्नी घर पर नहीं थी। जिसकी वजह से बेटा घर के बाहर खडे़ होकर इंतजार करने लगा। अचानक अलखदेवी कॉलोनी निवासी 25 वर्षीय राम लखन द्वारा बालक का मुँह दबाकर बाथरूम में ले गया। आरोप था कि उसने नौ साल के बालक के साथ कुकर्म किया। आरोपी को पकड़ने का प्रयास किया गया तो आरोपी धक्का देकर फरार हो गया। चंगुल से छूटने के बाद बालक ने घटना को बयां भी किया। पिता की तहरीर पर गदरपुर थाना पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया और बालक का मेडिकल परीक्षण भी करवाया। जिसमें कुकर्म की पुष्टि डॉक्टरों द्वारा की गई। विवेचनाधिकारी द्वारा आरोपी रामलखन को 23 जनवरी 2016 को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया। जिसके बाद मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पास्को विजय लक्ष्मी विहान की अदालत में शुरू हुई। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान एडीजीसी विकास गुप्ता द्वारा न्याया लय के समक्ष सात गवाह पेश किए। जिस पर न्यायाधीश द्वारा आरोपी रामलखन को बीस साल का सश्रम कारावास और 70हजार रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई।