Monday, December 23, 2024
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Homeराज्यउत्तराखंडनिजीकरण विरोधी दिवस पर श्रम भवन पर प्रदर्शन, राष्ट्रपति को ज्ञापन

निजीकरण विरोधी दिवस पर श्रम भवन पर प्रदर्शन, राष्ट्रपति को ज्ञापन

एफएनएन, रुद्रपुर : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज देशव्यापी निजीकरण और महंगाई विरोधी दिवस पर श्रमिक संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में मज़दूरों ने श्रम भवन रुद्रपुर में प्रदर्शन किया और देश के महामहिम राष्ट्रपति के नाम 3 सूत्री ज्ञापन भेजा। साथ ही बैंकों की देशव्यापी हड़ताल को मोर्चा ने समर्थन दिया। इंटरार्क मज़दूर संगठन किच्छा के कोषाध्यक्ष साथी राजकुमार की दुर्घटना में मौत पर दो मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। उप श्रमायुक्त, उधम सिंह नगर के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन के माध्यम से सार्वजनिक संपत्तियों को बेचने और निजीकरण पर तत्काल रोक लगाने, आवश्यक वस्तुओं पर बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने और कॉरपोरेट पक्षीय तीन कृषि कानूनों व मज़दूर विरोधी चार श्रम संहिताओं को तत्काल रद्द करने की मांग की। वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार का जनविरोधी चेहरा लगातार उजागर हो रहा है। जनता को धर्म-जाती में उलझकर वह मुनाफाखोरों के हित मे मज़दूरों-कर्मचारियों व आम मेहनतकश वर्ग को तबाह कर रही है।

मोदी सरकार ने जनता के खून पसीने से खड़ा किए गए देश की समस्त सरकारी संपदाओं को बेचने की गति बेलगाम कर दी है। रेलवे, बैंक, बीमा, दूरसंचार, कोयला खदान, पेट्रोलियम, आयुष निर्माण सहित नवरत्न सार्वजनिक उद्यमों को देसी-विदेशी निजी कंपनियों को औने पौने दामों में बेचने की गति तेज कर दी है। यह देश के लिए शर्म की बात है और देश की आम जनता के ऊपर बड़ा बोझ है। वक्ताओं न कह कि पेट्रोल, डीजल, घरेलू गैस से लेकर दाल, सब्जी, तेल तक जनउपयोगी सभी कुछ के दाम बेइंतहा बढ़ गए हैं। एक तरफ देश की आम मेहनतकश जनता महामारी के कारण व्यापक संकटों को झेल रही है, ऊपर से महंगाई की मार ने आम जनता की कमर तक तोड़ दी है। वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा मुनाफाखोर मालिकों के हित में कॉरपोरेटपरस्त तीन कृषि कानूनों और मज़दूर विरोधी चार श्रम संहिताएं लाकर मज़दूरों-किसानों की अस्मिता पर ही बड़ा संकट पैदा कर दिया गया है। आज के प्रदर्शन में विक्रम जीत सिंह, तेजेंद्र सिंह सुनील यादव, धीरज जोशी, संजय यादव, दलजीत सिंह, वीरेंद्र पटेल, चंदन मेवाड़ी, मनोज कुमार, रामजीत सिंह, दिनेश भट्ट, ठाकुर सिंह, सौरव कुमार, जीवन परगाई अन्य थे।

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