एफएनएन, रुद्रपुर: आखिरकार कोतवाली पुलिस ने न्यायालय के आदेश के बाद मेडिसिटी अस्पताल के निदेशक डॉक्टर दीपक छाबड़ा राहुल समेत चार लोगों पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया, दर्ज रिपोर्ट में ओमेक्स कॉलोनी निवासी अजय रस्तोगी ने बताया कि 17 नवंबर 2019 को उसकी पत्नी अंजलि के हाथ व चेहरे पर कांच लग गया था। जिस के उपचार के लिए वह मेडिसिटी अस्पताल गया। जहां डॉक्टर रिजवान और सहयोगी भीम ने उसका इलाज किया और चेहरे तथा हाथ पर अनगिनत टांके लगा दिए और आईसीयू में भर्ती कर दिया। 2 दिन बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया और 1 सप्ताह बाद टांके कटवाने को कहा ।
1 सप्ताह बाद वह अपनी पत्नी को लेकर टांके कटवाने पहुंचा तो उसे डॉक्टर के ना होने का हवाला देकर 2 दिन बाद आने को कहा। 2 दिन पश्चात उसकी पत्नी के चेहरे और हाथ से टांके कांटे । टांके काटने के बाद में जब उसकी पत्नी को दर्द होना शुरू हुआ वह आगरा के एसएन अस्पताल ले गया । जहां शेष टांके काटे गए ।लेकिन हाथों का दर्द कम नहीं हुआ। जब आगरा के वेदांत अस्पताल में एक्सरे कराया गया तो मेडिसिटी अस्पताल की लापरवाही सामने आई। जिसमें पाया गया कि गलत तरह से टांके लगा दिए हैं। और उन्हें सही प्रकार से निकाला नहीं। कांच के टुकड़े अभी भी शरीर में है। जिससे अंजलि की हाथ की नसें और तंत्रिका कट गई ।बाद में वैदिक अस्पताल बरेली में कांच के टुकड़े निकलवाए। अमित ने बताया बाद में पता चला कि मेडिसिन अस्पताल के जिस चिकित्सक ने उपचार किया था उसे वैदिक एलोपैथिक चिकित्सा की शैक्षिक योग्यता नहीं है ।जब अस्पताल में अपनी शिकायत दर्ज कराने गया तो अस्पताल प्रबंधन और स्टाफ ने उनसे अभद्रता की और धमकी दी। अमित ने मामले की शिकायत पुलिस से की लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। मजबूरन उसने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने मेडिसिटी अस्पताल के निदेशक डॉक्टर दीपक छाबड़ा, राहुल, रिजवान और भीम के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया।