एफएनएन, देहरादून: प्रदेश में लोकसभा की पांच सीटों पर हुए चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने के भाजपा के दांव ने कांग्रेस की जीत की मंशा पर तो पानी फेरा ही, साथ में मुख्य विपक्षी दल के अधिकतर विधायकों को उनके क्षेत्रों में ही पछाड़ दिया। पार्टी के 18 विधायकों में से मात्र पांच के विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को भाजपा के मुकाबले बढ़त मिली। विधायकों का यह प्रदर्शन पार्टी के माथे पर बल डाले हुए है।
उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के परिणाम ने कांग्रेस के विधायकों की परीक्षा भी ली है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 19 विधायक जीते थे। वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के गढ़वाल संसदीय सीट के अंतर्गत एकमात्र विधायक के भाजपा का दामन थामने से विधानसभा में पार्टी की सदस्य संख्या घटकर 18 रह गई है।
इन विधायकों के बूते पार्टी उम्मीद कर रही थी कि उसे 18 विधानसभा क्षेत्रों में उसे मतों के बड़े अंतर से जीत मिलेगी। चुनाव परिणाम सामने आए तो कांग्रेस की मंशा पर ही पानी फिर गया। पार्टी को 18 विधायकों में से मात्र पांच विधायकों के क्षेत्रों में ही अधिक मत प्राप्त हुए। 13 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को भाजपा से कम मतों पर संतोष करना पड़ा।
हरिद्वार ग्रामीण से भाई को जिता नहीं सकीं अनुपमा
कांग्रेस की लगातार तीसरे लोकसभा चुनाव में हुई इस हालत के लिए भाजपा के चुनावी चेहरे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ही प्रमुख कारण माना जा रहा है। भाजपा की इस रणनीति के आगे कांग्रेस का केंद्र व राज्य की सरकारों के विरुद्ध एंटी इनकंबेंसी का दांव अपेक्षा के अनुरूप कारगर साबित नहीं हो सका।
जिन पांच विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को अधिक मत मिले, उनमें चार विधानसभा क्षेत्र पिरान कलियर, ज्वालापुर, झबरेड़ा व भगवानपुर हरिद्वार संसदीय सीट के अंतर्गत हैं। हरिद्वार संसदीय सीट के अंतर्गत हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की विधायक अनुपमा रावत भी अपने भाई और कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह रावत को जीत नहीं दिला पाईं।
दिग्गज नेताओं के क्षेत्रों में पिछड़ गई पार्टी
पर्वतीय बहुल व मैदानी प्रकृति की संसदीय सीटों पर अधिकतर कांग्रेस विधायक मतदाताओं को लुभाने में सफल नहीं रहे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के जिले अल्मोड़ा और विधानसभा क्षेत्र रानीखेत में कांग्रेस को बढ़त नहीं मिली।
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं गढ़वाल संसदीय क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी गणेश गोदियाल भी अपने विधानसभा क्षेत्र श्रीनगर में भाजपा से मतों में पिछड़ गए। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के प्रभाव क्षेत्रों में कांग्रेस को भाजपा से अधिक मत नहीं मिल पाए।
राज्य की चार संसदीय सीटों के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस और भाजपा को ईवीएम से प्राप्त मतों का विवरण:
नैनीताल-ऊधमसिंहनगर संसदीय सीट:
- विस क्षेत्र, कांग्रेस, भाजपा
- नानकमत्ता, 32057, 45697
- किच्छा, 40405, 48781
- बाजपुर, 44171, 50115
- हल्द्वानी, 44761, 45273
- खटीमा, 25646, 50553
- जसपुर, 42931, 39663
अल्मोड़ा संसदीय सीट:
- विस क्षेत्र, कांग्रेस, भाजपा
- धारचूला, 13415, 26512
- पिथौरागढ़, 16862, 34336
- अल्मोड़ा, 14148, 27099
- द्वाराहाट, 10156, 27946
- लोहाघाट, 10892, 36206
टिहरी गढ़वाल सीट:
- विस क्षेत्र, कांग्रेस, भाजपा
- प्रतापनगर, 7538, 17043
- चकराता, 11336, 14640
हरिद्वार सीट:
- विस क्षेत्र, कांग्रेस, भाजपा
- पिरान कलियर, 49189, 30989
- ज्वालापुर, 42989, 33369
- झबरेड़ा, 35896, 31632
- भगवानपुर, 44209, 34646
- हरिद्वार ग्रामीण, 42475, 47326