Saturday, October 19, 2024
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बरेली की 12 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त घोषित, गांधी जयंती पर डीएम ने प्रधानों को किया सम्मानित

एफएनएन ब्यूरो, बरेली। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने वर्ष-2023 में पंचायतीराज एवं स्वास्थ्य विभाग से सहयोग से टीबी मुक्त घोषित की गई बरेली जिले की 12 ग्राम पंचायतों के प्रधानों को बुधवार को गांधी जयंती के पर्व पर सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया।

सम्मान समारोह में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने मौजूदा मानसून सीजन में जानलेवा मलेरिया के प्रकोप को देखते हुए सम्मानित हुए प्रधानों से अपने-अपने गांवों के वातावरण को स्वच्छ रखने तथा वायु प्रदूषण से बचने के लिए किसानों को पराली नहीं जलाने के प्रति जागरूक बनाने की भी अपील की। डीएम ने कहा कि पूर्व प्रधान तथा वर्तमान प्रधान के आपसी मनमुटाव के कारण गांववासियों को बेवजह परेशान होना पड़ता है। इससे विकास भी प्रभावित होता है। पूर्व प्रधान तथा वर्तमान प्रधान ग्राम पंचायत के विकास के लिए मिल-जुलकर कार्य कर सकें तो ग्रामीणों का काफी भला हो सकता है।

इन 12 ग्राम प्रधानों को किया गया सम्मानित

टीबी मुक्त ग्राम पंचायत घोषित होने के पर संबंधित ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधानों को महात्मा गांधी की आकर्षक प्रतिमा एवं प्रशस्ति-पत्र भेंटकर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में विकास खंड नवाबगंज के गांव काशीपुर धर्मपुर, प्रेमपुर मुरारपुर, सिथरा, विकास खंड बहेड़ी के गांव हरसूनगला, भैनसिया, आमडांडा, रेतवाड़ा, विकास खंड शेरगढ़ के गांव खाता, नियामतपुर, ढकिया डाम, विकास खंड क्यारा के ग्राम ठिरिया ठकुरान तथा विकास खंड भुता के ग्राम कंजा चकरपुर के ग्राम प्रधान शामिल रहे।

टीबी मुक्त ग्राम पंचायत घोषित कराने के लिए ये हैं छह मानक

सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री ने वर्ष-2025 तक शत-प्रतिशत टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। किसी भी ग्राम पंचायत को टीबी मुक्त घोषित कराने के लिए भारत सरकार द्वारा छह मानदंड लागू किए गए हैं। इनमें प्रति 1000 की जनसंख्या पर न्यूनतम 30 संदिगंध टीबी रोगियों की जांचें होना, प्रति 1000 की जनसंख्या पर एक रोगी या उससे कम मिलना, ग्राम पंचायत की टीबी उपचार सफलता दर (01 वर्ष पूर्व की) 85 प्रतिशत से अधिक होना, ग्राम पंचायत में उपचार ले रहे क्षय रोगियों की यूडीएसटी 60 प्रतिशत से अधिक होना और सभी क्षय रोगियों को निक्षय पोषण योजना के तहत प्रथम किस्त से लाभान्वित कराना। जो ग्राम पंचायतें इन सभी छह मानदंडों को पूरा करती हैं, वह टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के लिए अपना दावा प्रस्तुत कर सकती हैं।

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