Tuesday, August 26, 2025
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तर प्रदेशरामनवमी पर आ रहे हैं अयोध्या? जितनी दिव्य रामलला की मूर्ति, उतनी...

रामनवमी पर आ रहे हैं अयोध्या? जितनी दिव्य रामलला की मूर्ति, उतनी भव्य सजावट, व्यवस्था में भी समरसता

एफएनएन, अयोध्या : इस बार 17 अप्रैल को आ रही रामनवमी के लिए अयोध्या सजधज कर पूरी तरह तैयार है। सुरक्षा के पुख्ता और अभूतपूर्व इंतजाम हैं। जनवरी में हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद यह पहला मौका है, जब अयोध्या में इतनी भीड़, इतनी सुरक्षा देखी जा रही है।

रामनवमी से पहले की तैयारियों को सड़कों से लेकर अयोध्यावासियों के मस्तक तक महसूस किया जा सकता है। कभी महर्षि वाल्मीकि ने वर्णन किया था कि अयोध्या वह स्थान था, जहां के चौड़े मार्गों पर रोज जल छिड़का जाता था। घरों पर पताकाएं लहराती थीं। वहीं, तुलसीदासजी ने अवधपुरी की सुंदरता का वर्णन किया था। रामनवमी से ठीक पहले अगर आप अयोध्या की मुख्य सड़कों पर चलेंगे तो वाल्मीकि के शब्द शिल्प ‘सरयूतीरे प्रभूतधनधान्यवान्’ और तुलसीदासजी के भाव ‘बंदउँ अवध पुरी अति पावनि’ को महसूस कर सकेंगे।

रेलवे स्टेशन से अयोध्या की ओर बढ़ेंगे तो भक्तों की भीड़ नजर आएगी। राम पथ पर एक जैसे बोर्ड वाली दुकानों में कहीं गहमा-गहमी तो कहीं फूलों-रंगोली की सजावट दिखेगी। जब कतार में लगकर रामलला के दर्शन के लिए पहुंचेंगे तो मंदिर की भव्य सजावट देख मौसम की तपिश भूल जाएंगे। रामलला की प्रतिष्ठित मूर्ति जितनी दिव्य है, मंदिर परिसर के अंदर रोशनी और फूलों से सजावट उतनी ही सुंदरता से की गई है।

कतार में जब भक्तों का मन टटोलेंगे तो पाएंगे कि उनमें संतोष और प्रतीक्षा के भाव हैं। संतोष इस बात का कि उनके परिवार की पीढ़ियों ने दशकों तक भव्य मंदिर बनने का इंतजार किया। अधिकांश भक्त जनवरी में हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं आ सके, लेकिन रामनवमी से ठीक पहले अयोध्या की पावन धरती पर कदम रखने का अवसर उन्हें संतोष दे रहा है। श्रद्धालुओं को अब प्रतीक्षा इस बात की है कि कब वे सूर्य तिलक का नजारा मंदिर के गर्भगृह में मौजूद रहकर या मंदिर से होने वाले सीधे प्रसारण के माध्यम से देख सकेंगे।
WhatsApp Image 2023-12-18 at 2.13.14 PM
एक कतार, एक व्यवस्था, एक प्रसाद
श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया जानने के लिए अमर उजाला ने कुछ लोगों से बात की। नवमी से पूर्व दर्शन के लिए मुंबई से अयोध्या पहुंचे निमिष बताते हैं कि आमतौर पर बड़े मंदिरों को लेकर यह धारणा होती है कि आप वहां जाएंगे, कुछ पैसे देकर या पर्ची कटवा कर गर्भगृह तक पहुंचेंगे और अपने मन का प्रसाद चढ़ाएंगे। बदले में वहां के पुजारी कुछ भक्तों के गले में माला डाल देंगे या चढ़ावे में आई कोई चीज उन्हें प्रसाद स्वरूप दे देंगे। वह कहते हैं कि रामलला के मंदिर में आकर यह धारणा बदली हुई दिखती है। मंदिर बने कुछ ही वक्त बीता है, लेकिन यह कहा जा सकता है कि यहां की व्यवस्थाओं में समरसता पिरोई हुई है। यहां एक कतार, एक व्यवस्था, एक प्रसाद है। प्रसाद पाने के लिए कोई मारामारी नहीं है। आप मंदिर तक पहुंचें, दर्शन करें और मंदिर से बाहर निकलते वक्त इत्मीनान से प्रसाद लें। रामनवमी के मौके पर तीन दिन वीआईपी, शयन आरती जैसे पास बंद हैं।
कतार में हमें 86 साल के बुजुर्ग रामनाथ तिवारी भी मिले। वे प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं। वे कहते हैं कि मुझे रामनवमी पर अयोध्या आते हुए करीब 75 साल हो गए। कोरोना के दो वर्षों में मैं यहां नहीं आ सका। रामभक्ति के मेरे इस अमृतकाल में यहां आकर भव्य मंदिर देखना अलग ही अनुभव है। अवधपुरी की ऊर्जा, मंदिर की भव्यता और मूर्ति की दिव्यता का मेल बेजोड़ है। मंदिर जब बनकर तैयार हो जाएगा तो उम्मीद है कि यह श्रद्धालुओं के लिए सबसे बेहतर इंतजामों वाले मंदिरों में से एक होगा।

बहरहाल, अगर अयोध्या आ रहे हैं तो कुछ बातें जान लेना जरूरी है।

1# आगमन
शुरुआत रेलवे स्टेशन से करते हैं, जहां से अधिकतर श्रद्धालुओं का आगमन होता है। अयोध्या में दो स्टेशन है। पहला है अयोध्या कैंट। यहां से राम मंदिर की दूरी करीब 11.5 किलोमीटर है। अयोध्या एयरपोर्ट से भी यह दूरी इतनी ही है। वैसे यह सफर आधे घंटे का है, लेकिन भीड़ की वजह से आपको राम मंदिर के नजदीक तक पहुंचने में 50 मिनट का समय भी लग सकता है।

दूसरा स्टेशन है अयोध्या धाम जंक्शन। यह राम मंदिर के करीब है। फासला करीब डेढ़ किलोमीटर का है। अगर ई-रिक्शा करते हैं तो 10 मिनट के अंदर मंदिर के नजदीक पहुंच सकते हैं। अगर बस से पहुंचना चाहते हैं तो नयाघाट पर अस्थायी बस अड्डा बनाया गया है। अयोध्या के आसपास के जिलों के लिए यहां से बसें चल रही हैं। इस बस अड्डे से राम मंदिर की दूरी करीब चार किलोमीटर है, जिसे तय करने में आपको 25 मिनट का वक्त लग सकता है।

2# मंदिर में दर्शन
अगर आप इस कोशिश में हैं कि वीआईपी पास के जरिए रामलला के दर्शन कर सकते हैं तो फिलहाल भूल जाइए। 18 अप्रैल तक वीआईपी दर्शन संभव नहीं है। आपको आम लोगों के साथ कतार में लगकर ही दर्शन करने होंगे। सुबह 3.30 बजे से दर्शन हो सकेंगे। सुबह पांच बजे शृंगार आरती होगी। इसके बाद दोपहर 12 बजे राम जन्म के समय मुख्य आरती होगी। भोग आरती दोपहर 12:30 बजे होगी। संध्या आरती में शाम 6:15 बजे होगी। रात 11 बजे तक दर्शन हो सकेंगे। अगले दिन यानी 18 अप्रैल को सुबह 6 बजे से दर्शन हो सकेंगे।

3# पाबंदियां
– मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको कम से कम 15 ड्रॉप डाउन बैरियर को पार करना होगा। दर्शन के बाद अंगद का टीला से होते हुए आप बाहर निकल सकेंगे।
– अयोध्या के अंदर 13 किलोमीटर लंबे राम पथ पर बाहरी वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। बाकी प्रमुख मार्गों पर भी बंदिशें हैं। अगर आप अपने वाहन से अयोध्या पहुंचना चाहते हैं तो आपको राम मंदिर के आसपास तक पहुंचने या पार्किंग की जगह खोजने में कठिनाई होगी। यह मानकर चलिए कि 17 और 18 नवंबर को आपको अयोध्या में काफी पैदल चलना पड़ सकता है।
– मंदिर परिसर में मोबाइल फोन ले जाने पर पूरी तरह पाबंदी है। अगर साथ में कुछ सामान है तो आपको उसे लॉकर में रखने के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। मंदिर परिसर में प्रवेश के बाद पहले टोकन लेकर जूते-चप्पल रख सकते हैं। थोड़ी दूर दाईं ओर मोबाइल, स्मार्टवॉच और बाकी सामान लॉकर में रख सकते हैं।
– बेहतर होगा कि कुछ नकदी जेब में रखें ताकि लॉकर के इस्तेमाल की जरूरत न पड़े।

4# बाकी सुविधाएं
– मंदिर परिसर के मुख्य द्वार पर बुजुर्गों और निःशक्तों के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था है। हालांकि, श्रद्धालुओं की बढ़ती तादाद को देखते, इसके लिए कुछ इंतजार करना पड़ सकता है।
– मंदिर परिसर में प्रवेश से लेकर बाहर निकलने तक करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चलना पड़ सकता है।
– मंदिर में प्रसाद चढ़ाने की सुविधा भी फिलहाल नहीं है। मंदिर प्रशासन की तरफ से जो प्रसाद वितरित होता है, आपको वही ग्रहण करना पड़ेगा।
RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments