Saturday, June 21, 2025
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उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक रहा योग दिवस

एफएनएन, देहरादून: हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, लेकिन साल 2025 का अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बेहद खास रहा. क्योंकि, इस बार योग दिवस के अवसर पर राज्य सरकार की ओर से तैयार की गई देश की पहली योग नीति की अधिसूचना जारी कर दी गई है. ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम पर इसका ऐलान किया गया.

आध्यात्मिक और योग की भूमि है उत्तराखंड: उत्तराखंड को भारत की आध्यात्मिक और योग परंपरा की भूमि माना जाता है, जो सदियों से ऋषियों, मुनियों और साधकों की तपस्थली भी रही है. जिसके चलते उत्तराखंड के ऋषिकेश को विश्व योग की राजधानी माना जाता है. ऐसे में अब प्रदेश सरकार देवभूमि उत्तराखंड को योग और वैलनेस की वैश्विक राजधानी बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है.

21 जून को लागू होगी योग नीति: इस दिशा में आयुष विभाग ने योग पॉलिसी तैयार की है, जिस पर 28 मई 2025 को मंत्रिमंडल की मुहर लग गई थी. ऐसे में अब अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर यानी 21 जून को इस योग नीति को उत्तराखंड में लागू कर दिया गया है. जिसकी अधिसूचना मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 21 जून यानि आज भराड़ीसैंण में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में जारी की.

जनता को समर्पित होगी योग नीति: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस उत्तराखंड के लिहाज से बेहद खास रहने वाला है. क्योंकि, योग दिवस के अवसर पर जहां एक और उत्तराखंड सरकार प्रदेश की जनता को योग नीति समर्पित करने जा रही है तो वहीं दूसरी ओर पहली बार उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

गैरसैंण योग कार्यक्रम में 8 देशों के राजदूत होंगे शामिल: इस आयोजन की खास बात यह रहने वाली है इसमें 8 देशों के राजदूत भी शामिल हो रहे हैं. जो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ योग करेंगे. समुद्र तल से 2390 मीटर ऊंचाई पर स्थित भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन कर उत्तराखंड सरकार, देश-दुनिया को योग का संदेश देने जा रही है.

देहरादून में योग करेंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की इन दिनों उत्तराखंड दौरे पर हैं. ऐसे में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित पुलिस लाइन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगी. ऐसा पहली बार होगा, जब भारत देश के राष्ट्रपति, उत्तराखंड में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में शामिल होंगे.

तय किए गए कार्यक्रम के अनुसार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पुलिस लाइन में आयोजित योग दिवस कार्यक्रम में न सिर्फ शामिल होंगी, बल्कि योग भी करेंगे. यही वजह है कि उत्तराखंड के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक ऐतिहासिक होने वाला है. लिहाजा, उत्तराखंड सरकार, राज्य को योग और वैलनेस की वैश्विक राजधानी बनाने की दिशा में देश दुनिया को एक बड़ा संदेश देने की कवायद में जुटी हुई है.

उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा परिसर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी. इस कार्यक्रम में भारत देश के एंग्लो इंडियन के साथ ही 8 मित्र देशों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.

इन देशों के राजदूत और प्रतिनिधि हो रहे शामिल: इन 8 मित्र देशों में मेक्सिको, फिजी, नेपाल, सूरीनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस शामिल है. इन 8 मित्र देश के प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भराड़ीसैंण में योग करेंगे. जिससे देश-विदेश में योग का एक बड़ा संदेश जाएगा

 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तराखंड में तमाम कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं. ऐसे में प्रदेश का मुख्य कार्यक्रम भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा परिसर में आयोजित की जा रही है.

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत 8 मित्र देशों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. इन प्रतिनिधियों की ओर से राज्य में चल रही तमाम योजनाओं की जानकारी भी ली जाएगी. इसके अलावा हरिद्वार में इन आठ देशों के प्रतिनिधियों के साथ उत्तराखंड राज्य में निवेश को लेकर चर्चा किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देहरादून के पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल होंगी. पुलिस लाइन में आयोजित योग दिवस के कार्यक्रम में तमाम गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा. इस कार्यक्रम में करीब 1,000 से अधिक लोग शामिल होंगे. साथ ही कार्यक्रम योगाभ्यास का प्रदर्शन भी किया जाएगा.

“प्रदेश में योग और वैलनेस को बढ़ावा देने के लिए योग पॉलिसी तैयार की गई है, जिसे मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल चुकी है. ऐसे में योग नीति की अधिसूचना, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से जारी की जाएगी. योग नीति में तमाम तरह के प्रावधान किए गए हैं, जिसके तहत उत्तराखंड को अंतरराष्ट्रीय स्तर का योग डेस्टिनेशन बनाने का प्रयास किया जाएगा. इसके अलावा प्रदेश में योग को बढ़ावा देने के लिए बेहतर मानक निर्धारित किए जाएंगे. योग नीति की आज सूचना जारी होने के बाद योग से संबंधित एसओपी भी जारी की जाएगी.”- विजय कुमार जोगदंडे, निदेशक, आयुष विभाग

साल 2023 से तैयार किया जा रहा योग पॉलिसी: साल 2023 में आयुष नीति लागू होने के बाद आयुष विभाग ने साल 2023 में ही योग पॉलिसी तैयार करने की कवायद शुरू कर दी थी. आयुष विभाग ने योग नीति का प्रारंभिक ड्राफ्ट तैयार कर शासन को प्रशिक्षण के लिए भी भेजा था, लेकिन ड्राफ्ट में कुछ कमियां होने के चलते शासन से वापिस भेज दिया. जिसके बाद आयुष विभाग ने शासन के दिशा निर्देशों के अनुसार, देश की पहली योग नीति तैयार की.

इस योग नीति को तैयार करने में आयुष विभाग ने आयुर्वेद विशेषज्ञों के साथ ही तमाम हितधारकों से भी सुझाव लिया था. आयुष विभाग की ओर से करीब 2 साल में योग नीति तैयार की गई. जिसे मई 2025 में विधायी विभाग से मंजूरी मिलने के बाद 28 मई को कैबिनेट के सामने रखा गया. जिस पर धामी मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई थी. ऐसे में प्रदेश में योग नीति लागू किए जाने संबंधित अधिसूचना अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जारी कर दी गई है.

देश की पहली योग नीति का उद्देश्य?

  • योग नीति से जनता का स्वास्थ्य संवर्धन के साथ ही उत्तराखंड में पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा
  • योग नीति के तहत योग निदेशालय की होगी स्थापना
  • योग संस्थानों के लिए बनाए जाएंगे नियम और दिशा-निर्देश
  • उत्तराखंड को योग और वैलनेस की वैश्विक राजधानी के रूप में करेगी स्थापित
  • उत्तराखंड को सशक्त और विकसित राज्य बनाने में इस नीति का मिलेगा सहयोग
  • योग नीति लागू होने के बाद देश के योग की आध्यात्मिक विरासत को मिलेगा संरक्षण
  • शिक्षा में योग का होगा एकीकरण
  • योग ध्यान केंद्रों को बढ़ावा मिलने से होगा विकास
  • योग एवं आध्यात्म में रिसर्च को भी मिलेगा प्रोत्साहन
  • उत्तराखंड में योग, आध्यात्म और पर्यटन का भी होगा विकास
  • योग नीति के तहत योग प्रशिक्षक केद्रों की होगी स्थापना
  • योग प्रशिक्षित का रजिस्ट्रेशन और योग संबंधित इन्फ्रास्ट्रक्चर किया जाएगा विकसित
  • उत्तराखंड योग नीति के तहत योग को प्रोत्साहित करने के लिए तमाम सुविधाएं कराई जाएंगी उपलब्ध
  • स्कूलों में शुरू किए जाएंगे योग पाठ्यक्रम
  • आम जनता, स्कूली बच्चों एवं कॉलेज में लाइव योग का किया जाएगा प्रसारण
  • योग नीति से प्रदेश के 13 हजार लोगों को योग प्रशिक्षक, योग अनुदेशक के रूप में मिलेगा लाभ
  • होटल, रिसॉर्ट, होमस्टे, स्कूल, कॉलेज और कॉरपोरेट सेक्टर में चलाए जाएंगे योग सत्र

बनाया जाएगा ‘योग निदेशालय’: उत्तराखंड में योग नीति 2025 लागू होने के बाद योग नीति के संचालन, नियम बनाने एवं लागू करवाने, अनुदान देने और तमाम विभागीय गतिविधियों की निगरानी करने के लिए ‘योग निदेशालय’ बनाया जाएगा. योग नीति में तमाम महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं. जिसके तहत योग प्रशिक्षक केदो की स्थापना की जाएगी.

योग प्रशिक्षित का रजिस्ट्रेशन और योग संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप किया जाएगा. इतना ही नहीं योग नीति के तहत योग को प्रोत्साहित करने के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी. जिसमें योग एवं ज्ञान केंद्रों को पूंजीगत अनुदान दिया जाएगा. योग रिसर्च के लिए अनुदान की व्यवस्था की जाएगी.

प्रदेश में मौजूद संसाधनों में योग को बढ़ावा के साथ ही स्टार्टअप को प्रोत्साहित किया जाएगा. इसके अलावा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ मिलकर योग के क्षेत्र में क्षमता निर्माण किया जाएगा. साथ ही विश्वस्तरीय योग केंद्रों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा.

योग नीति के तहत तय किए गए लक्ष्य

  • साल 2030 तक उत्तराखंड में स्थापित किए जाएंगे पांच नए योग हब
  • जागेश्वर, मुक्तेश्वर, व्यास घाटी, टिहरी झील और कोलीढेक झील को योग के रूप में किया जाएगा विकसित
  • मार्च 2026 तक राज्य के सभी आयुष हेल्थ और वैलनेस सेंटर में उपलब्ध कराई जाएगी योग सेवाएं
  • समुदाय आधारित माइंडफूलनेस कार्यक्रम किया जाएगा शुरू
  • अलग-अलग उम्र, जेंडर और वर्ग की जरूरत को ध्यान में रखते हुए शुरू किया जाएगा कार्यक्रम
  • प्रदेश के सभी योग संस्थाओं का किया जाएगा रजिस्ट्रेशन
  • एक विशेष ऑनलाइन योग प्लेटफार्म किया जाएगा शुरू
  • योग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चलाया जाएगा प्रचार अभियान
  • अंतरराष्ट्रीय योग सम्मेलनों का किया जाएगा आयोजन
  • मार्च 2028 तक 15 से 20 राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ भागीदारी विकसित करने का रखा है लक्ष्य

उत्तराखंड योग नीति 2025 के तहत सरकार ने तमाम लक्ष्य भी तय किए हैं. जिसके तहत साल 2030 तक उत्तराखंड में कम से कम पांच नए योग हब स्थापित किए जाएंगे. जिसमें जागेश्वर, मुक्तेश्वर, व्यास घाटी, टिहरी झील और कोलीढेक झील शामिल हैं. इसके साथ ही मार्च 2026 तक राज्य के सभी आयुष हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स में योग सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

समुदाय-आधारित माइंडफुलनेस कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे, जो अलग-अलग आयु, लिंग और वर्ग की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किए जाएंगे. प्रदेश में संचालित सभी योग संस्थानों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, एक विशेष ऑनलाइन योग प्लेटफार्म शुरू किया जाएगा. योग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रचार अभियान और अंतरराष्ट्रीय योग सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा. साथ ही मार्च 2028 तक 15 से 20 राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ भागीदारी विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है.

नए योग केंद्र खोलने के लिए सब्सिडी का प्रावधान

  • नया योग केंद्र खोलने पर सरकार 25 से 50 फीसदी तक देगी सब्सिडी
  • पर्वतीय क्षेत्रों में योग केंद्र खोलने पर 50 फीसदी अधिकतम 20 लाख की सब्सिडी
  • मैदानी क्षेत्रों में योग केंद्र खोलने पर 25 फीसदी अधिकतम 10 लाख की सब्सिडी
  • एक साल में 5 करोड़ रुपए तक दी जाएगी सब्सिडी
  • योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में रिसर्च पर मिलेगा अनुदान
  • एक रिसर्च के लिए 10 लाख रुपए तक का मिलेगा अनुदान
  • विश्वविद्यालय, रिसर्च संस्थानों, स्वास्थ्य संगठनों, आयुष संस्थाओं और एनजीओ के लिए होगी सुविधा
  • रिसर्च के लिए कुल एक करोड़ रुपए का अनुदान किया गया है निर्धारित

उत्तराखंड सरकार, योग और प्राकृतिक चिकित्सा निदेशालय की स्थापना करेगी, जो नीति के सचालन, नियमन, अनुदान वितरण और तमाम गतिविधियों की निगरानी करेगा. निदेशालय में एक निदेशक, संयुक्त निदेशक, उपनिदेशक, योग विशेषज्ञ, रजिस्ट्रार और अन्य आवश्यक स्टाफ शामिल होंगे.

निदेशालय का कार्य योग केंद्रों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना, योग संस्थानों का रजिस्ट्रेशन और योग प्रमाणन बोर्ड के तहत मान्यता प्राप्त करवाना, योग केंद्रों की रेटिंग प्रणाली बनाना और एमओयू के जरिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग स्थापित करना होगा. नीति की समीक्षा और निगरानी के लिए एक उच्च स्तरीय राज्य समिति का गठन किया जाएगा. नीति को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए राज्य सरकार अगले पांच सालों में करीब 35 करोड़ रुपए खर्च करेगी.

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