Friday, January 31, 2025
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…काल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूं, गीत नया गाता हूं…

साहित्यिक संस्था ‘शब्दांगन’ के तत्वावधान में गणतंत्र दिवस पर कराई गई पूर्व प्रधानमंत्री एवं कालजयी कवि अटल बिहारी बाजपेई जी के गीतों की गायन प्रतियोगिता, छात्रा पायल गुप्ता बनीं विजेता

एफएनएन ब्यूरो, बरेली। साहित्यिक संस्था ‘शब्दांगन’ के तत्वावधान में कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय, बिहारीपुर में गणतंत्र दिवस के पालन पर्व पर पूर्व प्रधानमंत्री-भारत रत्न, अद्वितीय कवि स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की कविताओं-गीतों की गायन प्रतियोगिता कराई गई । छात्राओं ने अटल जी के गीतों-कविताओं को सस्वर गाकर अपनी-अपनी प्रतिभा दिखाई।

छात्रा पायल गुप्ता का प्रस्तुतिकरण सभी पांच छात्राओं के मध्य सर्वाधिक अंक पाकर सर्वश्रेष्ठ रहा। अन्य छात्राओं में अनमता हुसैन, श्रद्धा कश्यप, नैना वैश्य और श्रद्धा रस्तोगी थीं। पांचों छात्राओं को शब्दांगन के महामंत्री इंद्रदेव त्रिवेदी, प्रधानाचार्य नुसरत खानम और निर्णायक रामकुमार भारद्वाज अफरोज ने सुनहरी माला, प्रमाणपत्र, स्मृति चिह्न और मेडल भेंटकर सम्मानित किया।

गणतंत्र दिवस का यह कार्यक्रम झंडारोहण, तिरंगे को सलामी और राष्ट्रीय गान के साथ प्रारंभ हुआ। ‘शब्दांगन’ के महामंत्री इंद्रदेव त्रिवेदी ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को संविधान और गणतंत्र की गरिमा बनाये रखने एवं देश की एकता-अखंडता की रक्षा करने की शपथ दिलाई।

छात्रा पायल गुप्ता द्वारा अटल जी की कविता “छूने का मेरा इरादा न था, मोड़़ पर मिलने का वादा न था, ठन गई, मौत से ठन गई “ सर्वाधिक पसंद की गई।

अन्य कविताओं में “हार नहीं मानूंगा – रार नई ठानूंगा, काल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूं, गीत नया गाता हूं”
 और  ” मैं जी भर जिया – मन से मरूं, लौटकर आऊंगा – कूंच से क्यों डरूं?”
   ” आओ फिर से दिया जलायें ” भी बेहद पसंद की गई।

प्रतियोगिता संपन्न कराने में वंश कक्कड़, शौर्य पचौरी, कुणाल, शिवांशी पचौरी आदि का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री इंद्रदेव त्रिवेदी ने किया। अंत में प्रधानाचार्य नुसरत खानम ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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