- रिकवरी को नोटिस, तत्कालीन थानाध्यक्ष व हेड मोहर्रिर लाइन हाजिर
एफ़एनएन, देहरादून : वाह रे दरोगा जी ! आप तो बड़े ही उस्ताद निकले, घर बैठे ही 22 महीने से तनख्वाह ले रहे थे। मामला देहरादून के रायवाला थाने का है। यहां तैनात एक उपनिरीक्षक घर बैठे 22 महीने से वेतन ले रहे थे। विभाग को कुछ पता ही नहीं था। खुलासा हुआ तो डीआइजी ने उपनिरीक्षक को रिकवरी के लिए नोटिस भेजने के साथ ही लापरवाही बरतने पर तत्कालीन थानाध्यक्ष व हेड मोहर्रिर को लाइन हाजिर कर दिया है। अक्टूबर 2019 में हरिद्वार के एक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि देहरादून में नियुक्त उपनिरीक्षक अशोक कुमार शर्मा के बेटे ने उससे कुछ सामान लिया थ,। इसके बदले में उसे जो चेक दिए, वह बाउंस हो गए। पुलिस ने जब अशोक कुमार के बेटे से फोन पर बात की और उसके पिता की तैनाती के बारे में पूछा तो बताया गया कि वह सीएम सिक्योरिटी में हैं।
पुलिस की जांच में पता चला कि छह दिसंबर 2017 को तत्कालीन एसएसपी नवेदिता कुकरेती रायवाला दौरे पर गई थीं। रायवाला में जाम था तो उन्होंने थाने पहुंचकर डे ऑफिसर के बारे में पूछा। थाने के कर्मचारियों ने अशोक कुमार शर्मा को डे ऑफिसर बताया। जिस पर एसएसपी ने अशोक कुमार को मौखिक रूप से लाइन हाजिर कर दिया था। उस दिन अशोक कुमार अवकाश पर थे। इसके बाद न तो अशोक कुमार थाने आए और न ही उन्होंने पुलिस लाइन में उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने स्पष्टीकरण भी नहीं दिया।
जांच में हुआ खुलासा
सीओ डालनवाला की जांच में पता कि अशोक कुमार शर्मा छह दिसंबर 2017 से 10 अक्टूबर 2019 तक ड्यूटी पर ही नहीं गए और वेेेतन लेते रहे। इसके बाद 31 जनवरी 2020 को रिटायर हो गए। पता लगा कि अशोक कुमार शर्मा को थाना रायवाला से पुलिस लाइन रवाना किए जाने के संबंध में तत्कालीन एसओ महेश चंद्र जोशी व हेड मोहर्रिर मनोज कुमार ने पुलिस कार्यालय और उच्चाधिकारियों को सूचना भी नहीं दी।