
एफएनएन, छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ के पुलिस मुख्यालय में तैनात आईजी रतन लाल डांगी पर एक महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. इन आरोपों को लेकर सीएम विष्णुदेव साय से मीडिया ने गौरेला पेंड्रा मरवाही में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि कोई भी अफसर कितना भी बड़ा क्यों न हो कानून के दायरे के अनुसार जांच और कार्रवाई होगी. सीएम ने यह बयान मरवाही विधायक प्रणव कुमार मरपच्ची की माता के निधन पर आयोजित शोक सभा के बाद पत्रकारों से बातचीत में दिया है.

सीएम साय ने क्या कहा ?: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आईजी रतनलाल डांगी पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर मीडिया के सवालों का जवाब दिया. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि आईजी हो या आईपीएस, कोई भी कानून के दायरे से बाहर नहीं है. कानून सबके लिए समान है और यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
राज्य सरकार न्यायिक प्रक्रिया का पूरा सम्मान करती है और किसी भी स्तर पर पक्षपात नहीं किया जाएगा. आईजी हो या आईपीएस सभी कानून के दायरे में हैं. जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद सख्त कार्रवाई होगी-विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़

वहीं पुलिस सूत्रों से मिल नहीं जानकारी के अनुसार रतनलाल डांगी ने भी डायरेक्टर जनरल पुलिस अरुण देव गौतम को एक पत्र दिया है जिसमें उन्होंने यह लिखा है कि महिला उन्हें ब्लैकमेल कर रही है. लेकिन इस बात की समीक्षा नहीं हो पाई है कि महिला उनको कैसे ब्लैकमेल कर रही है और यह महिला से किस तरीके से संपर्क में आए हैं. इन तमाम बिंदुओं को लेकर के पुलिस मुख्यालय ने एक जांच टीम को गठित किया है जो इस पूरे मामले की जांच करेगी.
दो पुलिस अधिकारियों को दिया गया जांच का जिम्मा: रतनलाल डांगी पर लगे यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर के पुलिस मुख्यालय में दो आईपीएस अधिकारियों को इसकी जांच की जिम्मेदारी दी है . इस बाबत पुलिस मुख्यालय से प्रेस नोट जारी कर जांच अधिकारी नियुक्त करने की पुष्टि की गई है. रतनलाल डांगी के खिलाफ यौन शोषण मामले की जांच 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी डॉक्टर आनंद छाबड़ा और आईपीएस मिलना कुर्रे को सौंपी गई है.
आईजी रतन लाल डांगी के बारे में जानकारी: आईपीएस रतनलाल डांगी वर्ष 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वे वर्तमान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस राज्य पुलिस अकादमी, चंद्रखुरी, रायपुर में निदेशक (Director) के पद पर तैनात हैं.





