एफएनएन, चंपावत: उत्तराखंड में मानसून ने दस्तक दे दी है. मानसून के चलते पहाड़ों पर बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है. बारिश के साथ ही जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आने लगी हैं. इसको देखते हुए चंपावत जिला प्रशासन ने टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच पर सोमवार से मानसून काल तक रात वाहनों के रात्रि में चलने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
दरअसल टनकपुर-पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे लैंडस्लाइड के लिए संवेदनशील है. यहां मानसून सीजन में अक्सर भूस्खलन की घटनाएं होती रहती हैं. इसीलिए जिला प्रशासन ने मानसून सीजन में इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर रात में वाहनों का आवागमन बंद किया है. एक जुलाई से घाट से चंपावत की ओर शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक, चंपावत से घाट तक शाम छह से सुबह छह बजे तक और कोतवाली चंपावत से टनकपुर की ओर शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक, ककराली गेट से चंपावत तक शाम छह से सुबह छह बजे तक वाहनों की आवाजाही बंद रहेगी.
आपदा राहत केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में वाहन दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए यातायात नियमों का पालन न करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम में लापरवाही और उच्चाधिकारियों के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित न करने वाले अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ भी त्वरित कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा जो भी वाहन नियमों का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
मानसून काल के दौरान त्वरित राहत और बचाव कार्यों को देखते हुए एनएच स्थित भारतोली और सूखीढांग विश्राम गृह में 15 सितंबर तक अस्थायी पुलिस चौकी बनाई गई है. हॉटमिक्स मार्गों पर क्रश बैरियर, पैराफिट निर्माण, साइन बोर्ड लगाने के साथ ही अन्य सुरक्षा के कार्य शुरू कर दिए गए हैं. इसके अलावा वाहनों के प्रवेश स्थल पर पुलिस फोर्स तैनात किया जाएगा. इससे वाहनों को आगे जाने से रोका जा सकेगा.