- चमोली के स्लश फ्लशिंग टनल में बचाव कार्य किया गया तेज
- रविवार तड़के मिले दो और शव, पॉलीथीन में भरकर लाए गए बाहर
- बुरी तरह गाद में सने शवों को देखकर टीम की भी कांपी रूह
- सुरंग में 300 एमएम चौड़ होल करने का काम शनिवार देर रात तक किया गया
एफएनएन, चमोली : उत्तराखंड के तपोवन स्लश फ्लशिंग टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन रविवार को भी जारी है। आठवें दिन टीम को दस और शव मिले हैं। अब तक मिले शवों की संख्या बढ़कर 48 हो गई है। चमोली जिला प्रशासन ने बताया कि टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन और तेज कर दिया है। उत्तराखंड के चमोली में आई आपदा में रेस्क्यू ऑपरेशन आठवें दिन भी लगातार जारी है। रेस्क्यू टीम को तड़के तीन और शव मिले थे। टीम पहले 38 शव बरामद कर चुकी थी। दोपहर बाद सात और शव मिले, जिसके बाद रविवार को बरामद शवों की संख्या बढ़कर 48 हो गई है। टीम को अभी भी उम्मीद है कि सुरंग के अंदर लगभग 30 लोग फंसे हो सकते हैं। दो और शव मिलने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन और तेज कर दिया गया है। 7 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने से तबाही मची थी। यहां पर स्लश फ्लिशिंग टनल (गाद निकलने वाली सुरंग) का काम चल रहा था। ग्लेशियर फटने से भारी गाद, पानी और मलबा सुरंग में आ गया था। सुरंग में काम कर रहे कई मजदूर समेत कई लोग फंस गए थे।
पॉलीथीन में भरकर लाए गए शव
लोगों को सुरंग से निकालने के लिए उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें काम कर रही हैं। चमोली की डीएम स्वाती भदौरिया ने बताया कि घटना के दिन से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। शनिवार तक 38 शव निकाले जा चुके थे। रविवार के तड़के तीन शव बरामद किए गए हैं। शव बुरी तरह से गाद में दबे थे। जब उन्हें निकाला गया तो वह गाद में सने हुए थे। शवों को देखकर टीम भी दहल गई। शवों को पॉलीथीन में भरकर बाहर निकाला गया। दोपहर बाद सात और शव बरामद हुए।
160 अभी भी लापता
डीजीपी ने बताया कि बरामद किए गए शवों में से तपोवन सुरंग से 5 और रैनी गांव में 5 शव मिले हैं। कुल मिले शवों की संख्या 48 हो गई है। अभी भी 204 में 48 लोगों का पता चला है। 154 लोग अभी भी लापता हैं।। रेस्क्यू ऑपरेशन में बरामद किए गए 20 शवों और 12 लोगों के शरीर के अंगों का डीएनए जांच कराने के बाद उनका दाह संस्कार कर दिया गया है।
अस्थायी झील से पानी निकलने से बड़ी राहत
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन भी तेज कर दिया गया है। अभी भी उम्मीद है कि सुरंग की गाद में 25 से 30 लोग फंसे हो सकते हैं। वहीं रेस्क्यू टीम और स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिली है। ऋषिगंगा नदी के पास बनी एक अस्थायी झील से पानी निकलना शुरू हो गया है जिससे अब इलाके में एक और बाढ़ का खतरा कम हो गया है।
कर्व में लोगों के फंसे होने की आशंका
उत्तराखंड में गाद से भरी सुरंग के अंदर फंसे लोगों को निकालने के लिए टीम को बहुत मशक्कत करनी पड़ी। सुरंग के बीच में बने कर्व में लोगों के फंसे होने की संभावना था। उस संभावित स्थान तक पहुंचने के लिए शनिवार को सुरंग में किए गए सुराख को चौड़ा किया गया। चौड़ा होने के बाद शवों की तलाश शुरू की गई।
सुरंग में किया गया होल किया गया चौड़ा
सिल्ट फ्लशिंग टनल में शुक्रवार रात तक 75 मिमी व्यास का होल किया गया था। इस होल के जरिए सुरंग के अंदर कैमरा डालकर फंसे लोगों को देखा जाना था लेकिन टीम को इसमें तकनीकि दिक्कतें आईं। समस्या होने पर शनिवार को फैसला लिया गया कि होल को और चौड़ा किया जाएगा। टीमों ने होल को 300 मिमी तक चौड़ा किया। उसके बाद होल के अंदर गाद बाहर निकालने के लिए पाइप और कैमरा डाला गया।