
एफएनएन, देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 24 वर्ष में पहली बार प्रदेश सरकार ने आज वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए भोजनावकाश से पहले 12.30 बजे विधानसभा के पटल पर बजट रखा। धामी सरकार ने 89230.07 हजार करोड़ का बजट पेश किया।
वित्त और संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया, सरकार ने इस साल से नई परंपरा शुरू की है। अभी तक विधानसभा के पटल पर भोजनवकाश के बाद शाम चार बजे बजट पेश करने की परंपरा रही है, लेकिन इस बार यह परंपरा टूटी।
पिछले वर्ष इतना था प्रदेश का बजट
बता दें कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रदेश सरकार ने 77,407.08 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था, जिसमें 52,747 करोड़ राजस्व व्यय और 24,659.37 पूंजीगत व्यय का प्रावधान रखा गया था। अनुपूरक बजट को शामिल करते हुए बजट का आकार 88,571.94 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था।
बजट में क्या है नया
- ई-विधान सभा एप्लीकेशन कार्यक्रम के लिए 31 करोड़ का प्रावधान
- मेगा प्रोजेक्ट योजना के लिए 850 करोड़।
- जमरानी बांध परियोजना के लिए 2024-25 में लगभग 710 करोड़ का प्रावधान।
- सौंग परियोजना के लिए 300.00 करोड़।
- लखवाड़ परियोजना के लिए 250.00 करोड़ रुपये।
- प्रदेश में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए 250 करोड़
- यूनिटी मॉल/प्लाजा निर्माणके लिए 157 करोड़।
- प्रशासकीय व आवासीय भवनों की रूफ टॉप सोलर योजना कें लिए 100.00 करोड़।
- राजस्व अभिलेखों को पूर्णतः डिजिटाइजेशन किया जाएगा, जिस हेतु नई मांग से 50 करोड़।
- स्क्रैप पॉलिसी के तहत वाहन क्रय हेतु रू0 50 करोड़।
- टाटा टेक्नॉलाजी मॉडल के अनुसार आई०टी०आई० के उन्नयन के लिए 40 करोड़।
- खाद्य सुरक्षा योजना के लिए प्राथमिक व अंत्योदय राशन कार्ड धारकों को सस्ती दरों पर नमक उपलब्ध कराने के लिए 34.00 करोड़।
- खनन सर्विलांश के लिए 25 करोड़।
- प्रत्येक जनपद में चिल्ड्रन ट्रैफिक पार्क का निर्माण हेतु नई मांग में 10 करोड़।
- बंजर भूमि में सामूहिक कृषि के लिए सात करोड़।
- प्रत्येक जनपद में थीम बेस्ड विज्ञान एवं नवाचार केन्द्र हेतु 10 करोड़।
- राज्य में शहरी यातायात को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से अर्बन मोबिलिटी कार्यक्रम हेतु नई मांग के माध्यम से 10 करोड़।
- थर्मल प्रोजेक्ट हेतु टीएचडीसी एवं यूजेवीएन संयुक्त उपक्रम हेतु रुपये पांच करोड़
- परिवहन विभाग के अन्तर्गत ईवी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए 10 करोड़ का प्रावधान