बड़े साइबर अटैक के बाद पिछले 24 घंटे से ठप हैं 90 से ज्यादा सरकारी वेबसाइट्स, कामकाज रुका
एफएनएन ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड राज्य में भले ही आईटी के क्षेत्र में तीव्र प्रगति देखी जा रही हो लेकिन अचानक होने वाले साइबर हमलों की काट ढूंढने में सरकारी तंत्र के इंतजामात नाकाफी ही रहे हैं। आईटीडीए के विशेषज्ञ सरकारी विभागों को अक्सर चेताते भी रहते हैं लेकिन विभागों के जिम्मेदार आला अफसर इस तरफ ध्यान ही नहीं दे रहे हैं।

पिछले साल जुलाई माह में आईटीडीए स्टेट डाटा सेंटर से कोषागार निदेशालय का साढ़े तीन लाख कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों का 22 दिन का डाटा गायब हो गया था। तीन दिन तक प्रयास करने के बाद भी आईटीडीए के विशेषज्ञ इस डाटा को रिकवर नहीं कर पाए थे। गनीमत यह जरूर रही थी कि कोषागार निदेशालय के पास इसका बैकअप था।
इस साल भी आईटीडीए के सिक्योरिटी ऑडिट में 72 सरकारी वेबसाइटों को हैकिंग और साइबर हमलों से स्मार्ट अंदाज में निपट पाने के लिहाज से असुरक्षित माना गया था। बावजूद इसके सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात नहीं किए गए।
आईटीडीए के विशेषज्ञ सभी विभागों को लगातार सिक्योरिटी इंतजाम पुख्ता करने और सभी सरकारी विभागों का डाटा स्टेट डाटा सेंटर के अलावा देश के अन्य डाटा सेंटरों में भी सुरक्षित रखवाने की हिदायतें दे रहे हैं लेकिन विभागीय उच्चाधिकारी इसकी मंजूरी देने को तैयार नहीं हैं। इसी का दुष्परिणाम उत्तराखंड में पहली बार इतने बड़े स्तर पर साइबर हमले के रूप में सामने आया है। अनुमान है कि इस बड़े संकट से पूरी तरह बाहर निकलने में अभी एक-दो दिन का समय और लग सकता है। हालांकि आईटी विभाग के अफसरों का कहना है कि जल्द सभी व्यवस्थाएं सुचारू हो जाएंगी।
ज्ञात रहे कि गुरुवार सुबह बड़े साइबर अटैक में यूके स्वान समेत उत्तराखंड की 90 से ज्यादा सरकारी वेबसाइट ठप हो गई थीं और सरकारी कामकाज पिछले 24 घंटे से भी ज्यादा समय से बाधित है। हालांकि विशेषज्ञों की टीमें साइबर हमले के बड़े नुकसान से अहम सरकारी डाटा और गोपनीय जानकारियों को बचाने में कामयाब रही हैं। यूके स्वान को तो गुरुवार रात विशेषज्ञों ने चालू कर भी दिया था लेकिन कुछ देर बाद यह फिर ठप हो गया। विशेषज्ञों का कहना है कि साइबर अटैक के दुष्प्रभावों से पूरी तरह उबरने में अभी एक-दो दिन का वक्त और लग सकता है।