Sunday, June 8, 2025
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यूपी पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और रणजीत रावत को लखीमपुर जाने से रोका, कांग्रेसियों का जोरदार प्रदर्शन

एफएनएन, किच्छा/सितारगंज : लखीमपुर में मारे गए किसानों के समर्थन में जा रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को बहेड़ी में मुड़िया टोल प्लाजा पर और रणजीत रावत को सितारगंज में यूपी पुलिस ने बॉर्डर पर रोक लिया। इसके विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया और उत्तर प्रदेश सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए। भारी विरोध प्रदर्शन के बाद हरीश रावत और रंजीत रावत वापस लौट गए। किसानों की हत्या के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आज रुद्रपुर के रास्ते किच्छा होते होते हुए बहेड़ी के मूल्य टोल प्लाजा पर पहुंचे।

यहां पहले से ही मौजूद बड़ी संख्या में पुलिस बल ने रोक लिया। पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। हालांकि बाद में हरीश रावत देहरादून को वापस लौट गए। उनके साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद कुंजवाल के साथ ही पूर्व सांसद अजय टम्टा भी थे। वही कांग्रेस के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत रावत को उत्तर प्रदेश के लखीमपुरी खीरी जाने से रोकने के लिए सितारगंज पुलिस द्वारा उन्हें रोकते हुए हिरासत में ले लिया गया। रंजीत रावत अपने कार्यकर्ताओं के साथ लखीमपुर खीरी में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन व आंदोलन कर रहे किसानों को भाजपा के ग्रह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे द्वारा गाड़ी से कुचल कर बर्बरता पूर्वक की गई हत्या के बाद इस घटना में मृत किसानों के परिवारों से मिलने के लिए जा रहे थे। हिरासत में लेकर पुलिस उन्हें कोतवाली लेकर आई जहां लगभग एक घंटे तक उन्हें रोक रखा गया बाद में उन्हें पुलिस द्वारा किच्छा रोड़ से पुलभट्टा की तरफ भेज दिया गया।रंजीत रावत का कहना था की केंद्र व राज्य सरकार आरोपियों को बचाने में लगी हुई है।

देश का अन्नदाता लगभग 1 साल से दिल्ली के बॉर्डर पर तीन कृषि काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहा है।और लगभग 700 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं ।लेकिन मोदी सरकार का उनकी मांगों के समाधान को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। बल्कि गुंडागर्दी के बल पर किसानों की आवाज को भाजपा के मंत्री दबाने में लगे हुए है। सरकार पूर्ण रूप से हिटलर शाही रवैया अपना रही है ।देश का किसान भाजपा सरकार द्वारा लाए हुए तीनों कानून नहीं चाहता है तो मोदी सरकार को ऐसी कौन सी मजबूरी है जो कानून वापस लेने में रोक रही है। केंद्र सरकार को तत्काल प्रभाव से कृषि के तीनों कानून वापस देते हुए किसानों से अपनी गलती की माफी माननी चाहिए। वही मोदी सरकार के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त नहीं किया गया तथा उसके अपराधी बेटे सहित तमाम भाजपा के गुंडों को गिरफ्तार नहीं किया गया तब तक कांग्रेस पार्टी चुप बैठने वाली नहीं है।कब तक सरकार उन्हें लखीमपुर खीरी जाने से रोकेगी।

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