एफएनएन, देहरादून: उत्तराखंड की सियासत इन दिनों बयानबाज़ी के दौर से गुजर रही है. बीते कुछ महीनों से राज्य सरकार पर हमलावर होने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. दिलचस्प बात यह है कि अब केवल विपक्ष ही नहीं बल्कि सत्ता पक्ष यानी बीजेपी के कुछ बड़े नेता भी सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट कई बार यह कह चुके हैं कि कुछ लोग राज्य में अराजकता फैलाने और सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की साज़िश कर रहे हैं. कभी स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही को लेकर तो कभी बेरोजगारी के आंदोलनों पर तो कभी विज्ञापनों के खर्चे के मुद्दे पर सरकार को लगातार घेरा जा रहा है. ऐसे में अब सरकार ने भी तय कर लिया है कि आलोचना करने वालों को सख़्त और सीधे शब्दों में जवाब दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री धामी लगातार जिस तरह से बयानों से जवाब दे रहे है, उसके बाद ये चर्चा तेज़ है कि सीएम धामी थोड़े बदले बदले से दिख रहे है. अब सवाल ये खड़ा होता है कि कौन है, वो लोग जो एक के बाद एक मुद्दे लेकर सरकार को घरने की कोशिश कर रहे है, जिसको लेकर अब सीएम धामी को भी खुल कर जवाब देना पड़ रहा है.
जनता के लिए बना हूं कुर्सी के लिए नहीं: हाल ही में पेपर लीक मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि कुछ लोग बेरोजगार युवाओं के कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे हैं. इसके बाद देहरादून में एक कार्यक्रम में उन्होंने साफ कहा कि यह राज्य आंदोलन से बना है, सरकार किसी के दबाव में आने वाली नहीं है.
मुख्यमंत्री धामी का एक और बयान भी सुर्खियों में रहा, जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार पर बेवजह हमले करके कुछ लोग राज्य के विकास में रोड़ा अटका रहे हैं. अब उनका ताज़ा बयान राजनीतिक हलकों में नई हलचल पैदा कर रहा है.राज्य के हित में मैं कठोर निर्णय लेता रहूंगा, कुछ लोग मुझे कठोर कह रहे हैं, लेकिन मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए नहीं जनता के लिए बना हूं. आगे भी इसी तरह के फैसले लेता रहूंगा, चाहे उसका परिणाम कुछ भी हो. पुष्कर सिंह धामी, सीएम उत्तराखंड
त्यागी के मुताबिक सत्ता पक्ष के नेता भी कई बार विभागों पर सवाल उठाकर सरकार को असहज स्थिति में डाल देते हैं. हरिद्वार से बीजेपी सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत भी खनन और अन्य मुद्दों पर भी कई बार अपनी ही सरकार को जबाब देने पर मजबूर कर चुके है.





