एफएनएन, नैनीताल: उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फैले मखमली घास के मैदान यानी बुग्याल को मानवीय गतिविधियों से बचाने को लेकर दायर याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. आगामी 16 अगस्त को उत्तरकाशी के दयारा बुग्याल में बटर फेस्टिवल मनाया जाना है. ऐसे में दयारा पर्यटन विकास समिति ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर 2,500 से ज्यादा लोगों के बुग्याल में जाने की अनुमति देने की मांग की थी. जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सिर्फ 1,500 लोगों को जाने की अनुमति दी है.
इस दिन दूध, मक्खन, मट्ठे की होली खेली जाती है, जिस वजह से इसे बटर फेस्टिवल भी कहते हैं. हाईकोर्ट के बुग्याल में मानवीय गतिविधियों पर रोक से इस फेस्टिवल को लेकर पशोपेश की स्थिति पैदा हो गई थी. ऐसे में बटर फेस्टिवल का आयोजन कराने वाली दयारा पर्यटन विकास समिति ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक प्रार्थना पत्र पेश किया. जिसमें उनका कहना था कि हाईकोर्ट के आदेश पर उत्तराखंड के बुग्यालों में एक समय पर 200 से ज्यादा लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है.
हाईकोर्ट ने समिति से मांगी थी लोगों की लिस्ट
आज बुधवार को याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि इसमें करीब 2,500 लोग प्रतिभाग करेंगे. इसलिए उन्हें जाने की अनुमति दी जाए. जिस पर हाईकोर्ट ने केवल 1,500 लोगों को जाने की अनुमति दी.
कोर्ट ने ये भी कहा है कि सरकार एक साथ 1,500 लोगों को न भेजे. 200-200 के हिसाब से भेजें और आने-जाने का समय भी निर्धारित करें. व्यवस्था बनाए रखने के लिए वन विभाग और पुलिस के कर्मचारी तैनात करें. साथ ही फेस्टिवल समाप्त होने के बाद वहां सफाई करके उसकी फोटो कोर्ट में पेश करें.