एफएनएन, देहरादून : 25 फरवरी से शुरू हो रहा फाल्गुन मास 25 मार्च तक रहेगा। फाल्गुन में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। इस बार चतुर्दशी आठ मार्च की रात 9:58 बजे से शुरू हो रही है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार क्योंकि शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है इसलिए शिवरात्रि का व्रत भी आठ मार्च को ही होगा। इस बार शिवरात्रि में सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग, सिद्धि योग और कुंभ राशि में सूर्य, शनि, बुध की युति जैसा अदभुत संयोग भी बन रहा है जिसका फायदा सभी 12 राशियों को मिलने जा रहा है।
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ज्योतिष त्रिभुवन उप्रेती के अनुसार चतुर्दशी तिथि नौ मार्च की शाम 6:18 बजे तक रहेगी। हालांकि शिवरात्रि पहले दिन आठ मार्च को ही मनाई जाएगी। श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र के अलावा शिव और सिद्ध योग के शुभ योग में यह व्रत होगा। मिथुन, तुला, कुंभ, कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के जातकों को इस व्रत को करने से विशेष फलों की प्राप्ति होगी। इस बार विपरीत ग्रह सूर्य और शनि कुंभ राशि में हैं। पिता (सूर्य) और पुत्र (शनि) एक ही राशि में होने से यह संयोग सभी राशियों के लिए फलदायक है।महाशिवरात्रि में बन रहे शुभ योग में राशि अनुसार उपाय करने से भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होते हैं।
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पूजन और शुभ मुहूर्त
108 बेलपत्र, केला, कपूर, कंकोल, पारा, अष्टगंध, तिल, जौं, लौंग, दूब, जटामासी, गाय का दूध, चावल, फूल, तुलसी चढाने से कोटी यज्ञ फल प्राप्त होता है। इस दिन रुद्राभिषेक विद्वान ब्राह्मण से कराने से धन और वैभव की प्राप्ति होती है। शुभ मुहूर्त प्रथम प्रहर शाम 6:16 से 9:21 बजे, दूसरा प्रहर 9:21 से रात्रि 12:20 तक, तीसरा प्रहर मध्य रात्रि 12:20 से रात्रि 3:24 तक और चतुर्थ प्रहर पूजा मुहूर्त रात 3:24 से अगले दिन नौ मार्च की सुबह 6:32 बजे तक होगा। महानिशा काल पूजा मुहूर्त आठ मार्च की रात 11:55 बजे से 12:40 बजे तक रहेगा।