

एफएनएन, हल्द्वानी: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग विकराल रूप लेती जा रही है। वनाग्नि पर काबू पाने में वन विभाग के पसीने छूट रहे हैं। इस साल वनाग्नि में अभीतक लाखों रुपए की वन संपदा जलकर खाक हो चुकी है. वहीं वन्यजीवों की जान को भी खतरा बना हुआ है । यही कारण है कि अब जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए सेना की मदद ली जा रही है । एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से जंगलों में पानी बरसाया जा रहा है, ताकि जंगलों की आग पर काबू पाया जा सके।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रशासन के आलाधिकारियों के साथ बैठक की और वायु सेना से मदद लेने का निर्णय लिया। उत्तराखंड सरकार के निवेदन पर शुक्रवार शाम को वायुसेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर नैनीताल पहुंचा. शनिवार को हवा और पानी की व्यवस्था देखने के बाद लगभग सुबह सात बजे वायुसेना ने अपना मिशन शुरू किया। वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर से भीमताल झील से बकेट (बाल्टी) में पानी भरा गया और जंगलों में लगी आग को बुझाने का काम किया गया. बता दें कि इससे पहले 2019 और 2021 में इसी तरह की स्थिति बन गई थी। तब भी राज्य सरकार ने वायुसेना की मदद ली थी और एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद से जंगलों की आग पर काबू पाया गया था।
रामनगर क्षेत्र में वनाग्नि ने बढ़ाई चिंता: नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में वनाग्नि विकराल होती जा रही है फतेहपुर रेंज की तलिया बीट क्षेत्र में भीषण आग लगी हुई है। रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ दिगंत नायक ने बताया कि नैनीताल से आग स्प्रेड होकर उनके कंपार्टमेंट 2, 3 और 4 तक फैल गई है, जिस पर काबू करने का प्रयास किया जा रहा है।
नैनीताल क्षेत्र के वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त विनय भार्गव के साथ फतेहपुर और काठगोदाम क्षेत्र के डीएफओ दिगंत नायक ने भी खुद वनकर्मियों के साथ मोर्चा संभाला हुआ है। दिगंत नायक ने बताया कि नैनीताल से नीचे जो काठगोदाम से लगा हुए क्षेत्र है, वहां तक भी आग फैल गई है । हल्द्धानी से लगा काठगोदाम क्षेत्र का तलिया बीट का दस हेक्येयर जंगल इस वक्त आग की चपेट में है।