उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है। पांच दिवसीय सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं। सत्र के पहले दिन दिवंगत विधायकों को सदन में श्रद्धांजलि दी गई। सत्र के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर विधायकों के बैठने के साथ सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सत्र के पहले दिन नेता प्रतिपक्ष रही स्व.इंदिरा हृदयेश, गंगोत्री के विधायक गोपाल रावत, हरिद्वार के पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार, पूर्व शिक्षा मंत्री नरेंद्र भंडारी, पूर्व विधायक बच्ची सिंह रावत को सदन में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर कल्याण सिंह के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धासुमन अर्पित किये गए। विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, यतिश्वरानंद, बंशीधर भगत, अरविंद पांडे, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, विधायक देशराज कर्णवाल, संजय गुप्ता, राजकुमार ठुकराल सहित अन्य ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। 2022 के चुनाव को देखते हुए विपक्ष सदन में सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगा। वहीं, सरकार ने भी विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों पर जवाब देने की रणनीति बनाई है।
धामी का बतौर मुख्यमंत्री यह पहला विधानसभा सत्र है।वहीं, संसदीय कार्य मंत्री के रूप में बंशीधर भगत के ऊपर सदन में सरकार का पक्ष रखने की बड़ी जिम्मेदारी है। जबकि नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद प्रीतम सिंह के लिए पहला सत्र है। पक्ष व विपक्ष सदन में नए अंदाज में नजर आएगा। माना जा रहा है कि वर्तमान सरकार का यह अंतिम सत्र है। जिससे विपक्ष के पास देवस्थानम बोर्ड, कोविड जांच फर्जीवाड़ा, महंगाई, बेरोजगार, कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों को लेकर सदन में सरकार की घेराबंदी करने का आखिर मौका है। जबकि सत्तापक्ष ने भी विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने की तैयारी की है। सत्र के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों से 788 प्रश्न मिले हैं।