Wednesday, December 4, 2024
spot_img
spot_img
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तर प्रदेशअपराध की दुनिया का बेताज बादशाह ‘विकास’

अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह ‘विकास’

एफएनएन, कानपुर: आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे पर 60 से अधिक आपराधिक मुकदमे हैं। उसका दुस्साहस और आतंक ही कहेंगे कि कानपुर के एक थाने के अंदर उसने दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री को उस वक्त गोलियों से भून दिया था जब थाने में 5 सब इंस्पेक्टर और 25 सिपाही मौजूद थे। वे सब उस हत्या के गवाह थे, लेकिन किसी ने अदालत में गवाही नहीं दी। कहते हैं कि आज भी कानपुर की बसों में ‘विकास भैया’ शब्द बोल देने से किराया नहीं देना पड़ता। आइए जानते हैं कैसे चलता था विकास दुबे के आतंक का अड्डा।

राजनीति की जड़ों में घुसा था विकास

विकास ने चैबेपुर विधानसभा इलाके के एक बीजेपी नेता का दामन थामा और हनक बनाई। बीजेपी सरकार में कानपुर के एक मंत्री का भी वह काफी करीबी रहा। बाद में वह बीएसपी नेताओं का करीबी हो गया। इसके चलते वह 15 साल अपने गांव का प्रधान, पांच साल जिला पंचायत सदस्य रहा। अब उसकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य है। विकास के राजनीति करियर के बारे में उसकी मां ने कहा, ‘बसपा में 15 साल, 5 साल भाजपा में रहे। सपा में भी 5 साल थे।’ यह पूछे जाने पर कि वह कौन नेता थे जो इसको सबसे ज्यादा मानते थे? उन्होंने कहा, ‘सब नेता चाहते थे।

जब इंटर काॅलेज के प्रिंसिपल की कर दी थी हत्या

विकास दुबे ने सन् 2000 में ताराचंद इंटर कॉलेज की जमीन कब्जा कर मार्केट बनाने के लिए उसके प्रिंसिपल सिद्धेश्वर पांडे की हत्या कर दी थी, इसमें उसे उम्र कैद हुई, लेकिन जमानत पर बाहर आ गया। इस हत्या के बारे में सिद्धेश्वर पांडे के बेटे राजेंद्र पांडे ने कहा, ‘उसमें करीब 4 गवाह थे। 3 गवाह हमारे साथ थे और एक हम थे। 2-3 और थे। इसके अलावा सरकारी गवाह थे। जो मेरे गवाह थे उन सब पर दबाव डालकर उसमें से एक अशोक वाजपेयी और एक अवस्थी जी ने बाद में कह दिया कि वो मौके पर थे ही नहीं। बता दें, विकास दुबे ने सन 2001 में कानपुर के शिवली थाने में घुसकर बीजेपी सरकार के दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री संतोष शुक्ला को गोलियों से भून डाला था। पिछले 30 सालों में विकास दुबे ने अपराध की दुनिया में अपनी बड़ी हनक बना ली थी। इस वक्त विकास दुबे के ऊपर 60 केस चल रहे हैं। इनमें हत्या और हत्या के प्रयास के 20 मुकदमें, गुंडा एक्ट और गैंगस्टर एक्ट में 15 मुकदमें, दंगो के 19 मुकदमें। एनडीपीएस एक्ट के 2 मुकदमे शामिल हैं। एक बार उस पर एनएसए भी लगा था।

कई राजनीतिक दलों से रहे हैं विकास के संबंध

कानपुर में पुलिसर्मियों की शहादत के बाद राजनीति का अपराधीकरण के मुद्दे पर बहस शुरू हो गई है। विकास दुबे की कई राजनीतिक दलो से साठगांठ रह चुकी है। प्रदेश में जिस भी पार्टी की सरकार रही, वह उसी के साथ हो लिया। चाहे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी हो या फिर समाजवादी पार्टी या बहुजन समाज पार्टी। सभी पार्टी के नेताओं के साथ विकास दुबे की नजदीकियां रह चुकी हैं। कई दलों के बड़े नेताओं के साथ विकास दुबे की तस्वीरें भी मिली हैं, लेकिन कोई भी दल विकास दुबे से नजदीकियां मानने को तैयार नहीं है। विकास दुबे के गांव बिकरू के लोग बताते हैं कि बड़े राजनीतिक दलों के नेताओं से विकास दुबे के अच्छे संबंध हैं।

उत्तराखंड पुलिस सतर्क

विकास दुबे उत्तराखंड में भी छिप सकता है। इसी आशंका में उत्तराखंड की पुलिस भी सतर्क हो गई है। बाॅर्डर पर सक्रियता के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि पूर्व में उत्तर प्रदेश में अपराध कर भागे तमाम अपराधी यहां से पकडे गए हैं।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments