Monday, June 9, 2025
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बैंक में फर्जी हस्ताक्षर कर पाइनवुड विलाज के कॉलोनाइजर ने खुलवाया था अनुसूचित जाति की वृद्धा का खाता, अब विकास प्राधिकरण ने भी तलब किया

– लगातार खुल रहा है कॉलोनाइजर जगदीश बिष्ट का कच्चा चिट्ठा

वृद्ध महिला ने कहा, नक्शा निरस्त कराने को किसी भी हद तक जाऊंगी

एफएनएन, रुद्रपुर : इंसाफ के लिए भटक रही अनुसूचित जाति की वृद्ध महिला पुष्पा देवी का यूको बैंक में संयुक्त खाता फर्जी हस्ताक्षर से खुलवाया गया था। महिला ने इस मामले में जहां पुलिस से सख्त कार्रवाई की गुहार लगाई है, वहीं उसके शिकायती पत्र पर जिला विकास प्राधिकरण ने कॉलोनाइजर जगदीश बिष्ट को 14 अक्टूबर को तलब कर लिया है। माना जा रहा है कि पुष्पा देवी की रजामंदी के बिना उनको कॉलोनी में पार्टनर दर्शाए जाने पर विकास प्राधिकरण कॉलोनी का नक्शा निरस्त कर सकता है, इसके साथ ही रेरा में कराया गया पंजीकरण भी रद्द हो सकता है।

आपको बताते चलें कि रुद्रपुर में काशीपुर रोड पर दानपुर में विकसित की जा रही पाइनवुड विलाज ( pine wood villas) के बडे गोलमाल सामने आ रहे हैं। इस मामले में एक शिकायत के बाद न सिर्फ उत्तराखंड भू संपदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) ने सख्त रुख अपना लिया है। वहीं गलत तरीके से स्वीकृत कराए गए मानचित्र पर जिला विकास प्राधिकरण ने भी आंखें तरेर ली हैं। जिला विकास प्राधिकरण के सचिव की ओर से कॉलोनाइजर जगदीश बिष्ट को तलब कर लिया गया है। पुष्पा देवी की शिकायत पर उन्हें 14 अक्टूबर को बयान दर्ज कराने के लिए कार्यालय बुलाया गया है।

पता लगा है कि कृषि में रजिस्ट्री कराकर कॉलोनाइजर ने अप्रूवल रेजिडेंशियल कॉलोनी का लिया और इसी आधार पर मानचित्र भी स्वीकृत करा लिया। बड़ी धोखाधड़ी यह भी सामने आई कि कॉलोनाइजर ने कृषि में भूमि बेचने वाली दलित वृद्ध महिला की बिना अनुमति उसके फर्जी हस्ताक्षर के जरिए कागजों में पार्टनर भी दर्शा दिया।

दलित वृद्ध महिला पुष्पा देवी का कहना है कि उसके द्वारा कृषि भूमि बेची गई थी। जिसमें 11 जून 2019 को 0.6072 हेक्टेयर कृषि भूमि की पहली रजिस्ट्री हुई। उसकी अनुमति के बिना जगदीश सिंह बिष्ट द्वारा उक्त भूमि में रेजिडेंशियल कॉलोनी पाइनवुड विलास का प्रोजेक्ट संचालित कर गलत तथ्यों के आधार पर भूमि के तलपट मानचित्र को जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण में आवेदन कर दिया गया। इसमें उसे साझीदार यानी पार्टनर दिखाते हुए उसके फर्जी साइन भी कागजों पर कर दिए गए, जबकि उसका इस कॉलोनी से कोई लेना -देना या वास्ता ही नहीं है।

खास बात यह है कि विकास प्राधिकरण ने आंखें मूंदकर 11455.47 वर्ग मीटर का मानचित्र 18 अक्टूबर 2019 को स्वीकृत भी कर दिया। इसके बाद अपनी गलती विकास प्राधिकरण ने फिर से दोहराई और संशोधित मानचित्र 11940.10 वर्ग मीटर का भी स्वीकृत कर दिया गया। जगदीश सिंह बिष्ट ने इसी के आधार पर विभाग को अंधेरे में रखते हुए भू संपदा नियामक प्राधिकरण यानी रेरा में रजिस्ट्रेशन भी करा लिया।

यहां बता दें कि जगदीश सिंह बिष्ट द्वारा न सिर्फ कृषि में आवासीय कॉलोनी की भूमि की रजिस्ट्री कराकर सरकार को बड़ा चूना लगाया बल्कि रेरा विकास प्राधिकरण और पुष्पा देवी की आंखों में धूल झोंकने का काम भी किया।
यह साफ है कि कॉलोनाइजर ने कृषि कार्य के लिए खरीदी गई भूमि पर स्टांप शुल्क की बड़ी चोरी कर कॉलोनी विकसित कर दी। इसीलिए यह माना जा रहा है कि प्रशासन इस मामले में बड़ी कार्रवाई कर सकता है।

वहीं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की रुद्रपुर मुख्य शाखा में खुलवाया गया संयुक्त अकाउंट संख्या 505101010037189 भी सवालों में आ गया है। पुष्पा देवी का साफ कहना है कि इस अकाउंट पर उसके हस्ताक्षर हैं ही नहीं, और उसे गलत तरीके से पार्टनर बनाते हुए फर्जी हस्ताक्षर से यह खाता खुलवाया गया है। यानी इस अकाउंट के साथ ही विकास प्राधिकरण में दर्शाए गए पुष्पा देवी के हस्ताक्षर का मिलान भी प्रशासन को कराना चाहिए।

  • सवाल जो अनसुलझे हैं

पाइनवुड विलास को लेकर कई तरीके के सवाल हैं जिनका जवाब देना न सिर्फ अफसरों के लिए बल्कि कॉलोनाइजर के लिए भी टेढ़ी खीर है। बड़ा सवाल यह है कि जब रजिस्ट्री कृषि में दर्ज है तो अप्रूवल रेजिडेंशियल कॉलोनी का कैसे हो गया ? किस तरह से विकास प्राधिकरण ने पहले इसका मानचित्र और फिर संशोधित मानचित्र जारी कर दिया ? और फिर पुष्पा देवी ने तो एससी की जमीन को लेकर उसे बेचने का अप्रूवल डीएम से लिया था, न कि गलत तरीके से उसे कॉलोनी में दर्ज कराने और गोलमोल तरीके से पार्टनर बना देने का।

  • लगातार जगदीश बिष्ट कर रहे हैं आरोपों का खण्डन

आरोपी कॉलोनाइजर जगदीश बिष्ट अपनी गलती को छिपाकर लगातार आरोपो का खण्डन कर रहे हैं। उनका कहना एक ही है कि विकास प्राधिकरण में साइन पुष्पा देवी के ही हैं और उन पर गलत आरोप लगाया जा रहा है। उनका कहना है कि पार्टनर बनने में पुष्पा देवी की रजामंदी थी, लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि उन्होंने सरकार को चूना लगाते हुए जमीन की रेजिडेंशियल कॉलोनी के स्थान पर कृषि में रजिस्ट्री क्यों कराई, तो वह जवाब नहीं दे सके। क्रमश:

-जल्द पढ़ें- कुछ और लोग भी हैं पाइनवुड विलाज के कॉलोनाइजर के सताए

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