Friday, December 27, 2024
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उदारीकरण नीति के जनक पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का आकस्मिक निधन, सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित

आधी रात बाद एम्स से घर ले जाया गया पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह का पार्थिव शव

एफएनएन नेशनल डेस्क, नई दिल्ली: . पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह नहीं रहे। 92 साल की उम्र में उनका दिल्ली एम्स में शुक्रवार देर रात निधन हो गया। उन्हें उम्र संबंधी दिक्कतों की वजह से गुरुवार रात 8:06 बजे Icon में भर्ती कराया गया था। रात 9:51 बजे एम्स के सीनियर डॉक्टरों के पैनल द्वारा उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

6डॉ. मनमोहन सिंह प्रखर अर्थशास्त्री थे। 1991 में देश में शुरू किए गए आर्थिक उदारीकरण के वे शिल्पकार रहे। 2004 से 2014 तक वे प्रधानमंत्री रहे। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी आधी रात के बाद एम्स से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की पार्थिविं देह क़े साथ उनके आवास पर पहुंच गए हैं।

उदारीकरण के शिल्पकार का दुखद अवसान

भारत सरकार ने शुक्रवार 27 दिसंबर, 2024 के लिए निर्धारित अपने सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक भी घोषित किया है। डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शुक्रवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

10 हजार का सरकारी खर्चा बचाने को रुकवा दी थी मरम्मत

वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला एम्स में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से जुड़ा एक प्रेरणादायी प्रसंग सुनाया। बोले+ जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तो उनके सरकारी आवास के बरामदे में बरसाती पानी  भर जाता था। एक दिन CPWD के इंजीनियर और कारीगर मरम्मत करने आए। डॉ.मनमोहन सिंह द्वारा पूछने पर इंजीनियर नेcबताया कि बरामदे में बरसाती पानी भरने से रोकने के वास्ते बड़ी सी छतरी लगवा रहे हैं। डॉ़ मनमोहन सिंह के सवाल पर इंजीनियर ने बताया कि इस काम नें  10 हजार रुपये का खर्चा आएगा। यह सुनकर डॉ़. मनमोहन सिंह ने काम करवाने से मना कर दिया था।

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