एफएनएन, चम्पावत : नहाने के लिए गंडक नदी में गए एक छात्र की डूबने से मौत हो गई। छात्र का शव नदी से बरामद कर लिया गया है। मृतक नगर से लगे कनलगांव का रहने वाला था। उसके पिता राज्य आंदोलनकारी व शिक्षक हैं। रविवार की सुबह टनकपुर से पहुंची जल पुलिस की टीम ने तीन घंटे के रेसक्यू के बाद शव बरामद कर लिया। कनलगांव निवासी राज्य आंदोलनकारी व राउमावि खूनाबोरा में तैनात शिक्षक खीमानंद पांडेय का छोटा पुत्र विवेक पांडेय उर्फ विक्की (16)अपनी बाइक से शनिवार की दोपहर घर से निकल गया था। शाम तक जब वह घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने उसकी ढूंढ खोज शुरू कर दी। पता न चलने पर रात में ही परिजनों ने गुमशुदगी की सूचना पुलिस को दी। बताया जा रहा है कि रात करीब साढ़े 10 बजे बाद उसके पिता खीमांनद पांडेय व गांव के कुछ युवक गौड़ी के समीप गंडक नदी में पावर हाउस चैनल के पास पहुंचे तो उन्हें बाइक दिखाई दी। नदी किनारे ही एक पत्थर पर विक्की के कपड़े, चप्पल व हेलमेट पड़े थे।
परिजनों ने तत्काल इसकी जानकारी पुलिस को दी। रात का वक्त होने से नदी में रेसक्यू नहीं चलाया जा सका। रविवार सुबह ही ग्रामीणों व स्थानीय युवकों ने नदी में विक्की की खोजबीन शुरू की लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका। करीब 10:15 बजे टनकपुर से जल पुलिस के जवान रविंद्र पहलवान व गगन कुमार मौके पर पहुंचे और रेसक्यू शुरू किया। कुछ देर बाद रविंद्र पहलवान ने विक्की का शव बरामद कर लिया। इस घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। मौके पर पहुंचे एसएसआई सुरेंद्र सिंह खड़ायत ने शव कब्जे में लेकर पीएम के लिए मोर्चरी भेजा। छात्र नहाने के लिए अकेला गया या उसके साथ कोई और भी था यह पता नहीं चल पाया है। माना जा रहा है कि घटना के तत्काल बाद ही छात्र के डूबने की जानकारी मिल जाती तो उसे बचाया जा सकता था।
प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची
घटना की जानकारी के बाद रविवार की सुबह एडीएम त्रिलोक सिंह मर्तोलिया, एसडीएम अनिल गब्र्याल, प्रभारी तहसीलदार ज्योति नपलच्याल, राजस्व निरीक्षक राजीव मेहरा व अमित सिपाल गौड़ी पहुंचे और उन्होंने घटना स्थल का मुआयना किया। भाजपा नेता शंकर दत्त पांडेय, बहादुर फत्र्याल, सहकारी समिति के अध्यक्ष गिरीश जोशी, सभासद मोहन भट्ट, जिपं सदस्य प्रतिनिधि मनमोहन सिंह बोहरा, राज्य आंदोलनकारी संगठन के जिलाध्यक्ष बसंत तड़ागी, डीके पांडेय, सुभाष तड़ागी, व्यापारी नेता दीपक तड़ागी लारा, मुकेश गिरी आदि भी रेसक्यू होने तक घटना स्थल पर ही मौजूद रहे।