Saturday, June 21, 2025
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तराखंडमुनस्यारी में देखने को नहीं मिल रही बर्फ, मौसम के इस बदलाव...

मुनस्यारी में देखने को नहीं मिल रही बर्फ, मौसम के इस बदलाव ने बढ़ाई चिंता

एफएनएन, मुनस्यारी : शीतकाल के दो माह बर्फ के बीच बिताने वाले हिमनगरी मुनस्यारी के लोगों को जनवरी मध्य तक भी बर्फ देखने को नहीं मिल रही है। मौसम के इस बदलाव से सीमांत के लोग हतप्रभ हैं और इसे भविष्य के लिए गंभीर चुनौती मान रहे हैं। मुनस्यारी को हिमनगरी यूं ही नहीं कहा जाता।

मुनस्यारी डेढ़ दशक पूर्व तक मुनस्यारी में नवंबर माह से ही हिमपात शुरू हो जाता था और दिसंबर अंत तक मुनस्यारी में पांच फीट तक बर्फ जमा हो जाती थी। फरवरी अंत में भी लोग बर्फ के नीचे दबी जमीन देख पाते हैं, अब हालत बिल्कुल उल्टे हैं।

अभी तक नहीं पड़ी है एक इंच बर्फ

जनवरी का पहला पखवाड़ा पूरा होने को है और अभी तक मुनस्यारी में एक इंच बर्फ नहीं पड़ी है। बुजुर्ग श्रीराम धर्मशक्तू ने बताया कि मुनस्यारी की पहचान बर्फ से ही है और अब बर्फ ही नदारद है। यह गंभीर समस्या है और इसका असर देश के अन्य इलाकों में भी पड़ेगा।

WhatsApp Image 2023-12-18 at 2.13.14 PM

दो दशक पूर्व तक होता था 20 फीट तक हिमपात

पर्यावरण की अच्छी जानकारी रखने वाले श्रीराम धर्मशक्तू ने बताया कि दो दशक पूर्व तक मिलम में जाड़ों में 20 फीट तक हिमपात होता था। मिलम में जमीं रहने वाली यह बर्फ गर्मियों में नदियों को पानी उपलब्ध कराती थी। इस वर्ष हिमपात नहीं होने से क्षेत्र की अधिकांश चोटियां काली पड़ गई हैं।

इतिहास हो जाएगा माइग्रेशन

सुरिंग गांव के निवासी जेएस मर्तोलिया बताते है कि शीतकाल में भारी हिमपात के चलते मल्ला जौहार के 14 गांवों के लोग नवंबर माह में ही घाटियों में उतर आते थे। भारी हिमपात के चलते एक गांव से दूसरे गांव जा पाना संभव नहीं रहता था। यहां मांगलिक कार्य अप्रैल के बाद ही शुरू होते थे, स्थितियां यही रही तो आने वाले वर्षों में लोग माइग्रेशन भी नहीं करेंगे।

यह भी पढ़ें: उत्तरायणी मेले में पवनदीप राजन करेंगे परफॉर्म, जादुई आवाज पर थिरकेंगे लोग

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments