एफएनएन, इम्फाल-मणिपुर। सवा साल से जातीय हिंसा की आग में जल रहे पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में पिछले दस दिन से जारी हिंसक घटनाओं को देखते हुए राजधानी इम्फाल समेत तीन जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। बीती रात महिलाओं ने ड्रोन हमले के विरोध में मशाल जुलूस निकाला था। वहीं सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने राजभवन पर पथराव कर दिया। बिगड़ती कानून व्यवस्था और हमलों को देखते हुए प्रशासन ने यह फैसला लिया है। इम्फाल पूर्व, इम्फाल पश्चिम के अलावा थौबल जिले में भी कर्फ्यू लगाया गया है।
प्रशासन द्वारा लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी गई है। इम्फाल पूर्व और इम्फाल पश्चिमी जिले में बीएनएसएस की धारा 162 (2) को लागू कर दिया गया है। डीएम के आदेश में कहा गया है कि जिले में बिगड़ती कानून व्यवस्था को देखते हुए मंगलवार 10 सितंबर को सुबह 11 बजे से अगले आदेश तक कर्फ्यू लगाया जा रहा है। हालांकि जरूरी सेवाओं जैसे- बिजली, कोर्ट, हेल्थ के साथ ही मीडिया को भी कर्फ्यू से छूट दी गई है। रिपोर्ट्स में कहा गया था कि डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार को हटाने के लिए स्टूडेंट्स बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने वाले हैं। ऐसे में तीन जिलों में प्रतिबंधों को लागू कर दिया गया। वहीं स्कूल और कॉलेजों के सैकड़ों छात्र पूरी रात ख्वारिमबांद मार्केट में रुके रहे। महिलाओं ने उन्हें कैंप लगाने के लिए जगह दी। सोमवार को हजारों छात्रों ने मणिपुर सचिवालय और राजभवन के बाहर प्रदर्शन किया। हिंसा की हालिया घटनाओँ में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई है और 12 से ज्यादा घायल हुए हैं।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल से भी मुलाकात की थी। छात्रों के प्रतिनिधि ने बताया कि उन्होंने सरकार के समक्ष छह मांगें रखी हैं। इसमें डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग भी शामिल है। वहीं छात्रों ने यूनीफाइड कमांड भी राज्य सरकार को सौंपने की बात कही है। फिलहाल इसका जिम्मा सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह के पास है।