- आपस में ही टकरा रहे हैं नवतेज और नारायण पाल
एफएनएन, रुद्रपुर : सितारगंज विधान सभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी सौरभ बहुगुणा इस बार भी पूरी ताकत से चुनाव प्रचार में जुटे हैं। सौरभ के दम के सामने प्रतिद्वंदी हांफने लगे हैं। दरअसल सौरभ बहुगुणा की चुनावी रणनीति अभेद्य साबित हो रही है। सितारगंज विधान सभा से भाजपा ने विधायक सौरभ बहुगुणा, कांग्रेस ने नवतेज पाल सिंह और बसपा ने नारायण पाल को प्रत्याशी घोषित किया है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी से अजय जायसवाल भी किस्मत आजमा रहे हैं।
इस विधान सभा क्षेत्र में समीकरण कुछ बदले हुए हैं। बहुगुणा परिवार के निजी व्यवहार पर मुस्लिम मतों का ध्रुवीकरण भाजपा के पक्ष में दिखाई दे रहा है। इसके साथ ही बंगाली समाज के मतदाताओं में उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने बंगाली समाज की मालती विश्वास को चुनाव मैदान में उतारा था, उन्हें भी समाज ने नकार दिया था और बंगाली समाज का बड़ा वोट बैंक सौरभ बहुगुणा ने झटक लिया था। इस बार भी बंगाली समाज का वोट सौरभ के साथ दिखाई दे रहा है।
कांग्रेस ने इस सीट से नवतेज पाल को प्रत्याशी बनाया है, जो पिछले चुनाव में महज 11892 वोट प्राप्त करके तीसरे स्थान पर रहे थे। इस बार कांग्रेस से बगावत करके पूर्व विधायक नारायण पाल बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। नारायण पाल कई सालों से इस सीट से कांग्रेस से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। ऐसे में कांग्रेस का वोट बैंक दो जगह विभाजित होना स्वाभाविक है। यूं कहें कि नारायण पाल और नवतेज पाल आपस में टकरा रहे हैं। आप के प्रत्याशी शक्तिफार्म के पूर्व चेयरमैन अजय जायसवाल भी अपनी क्षमता के अनुसार मुख्य मुकाबले में शामिल होने की जुगत में हैं।
यहां बता दें कि 2017 के विधान सभा चुनाव में भाजपा के सौरभ बहुगुणा को 50597 मत मिले थे और कांग्रेस प्रत्याशी मालती विश्वास को 22147 मत ही मिल पाए थे। नवतेज पाल सिंह को सिर्फ 11892 वोट मिले थे। दरअसल सौरभ बहुगुणा को अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के संबंधों का लाभ मिला था। जो आज भी बरकरार है।कुल मिलाकर सितारगंज विधान सभा सीट पर बहुगुणा परिवार का दबदबा दिखाई दे रहा है। यहां त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बने हुए हैं।