एफएनएन, देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में सबसे अधिक चर्चा केदारनाथ की होती है, लेकिन ये कम लोग जानते हैं कि कठिन चढ़ाई और बर्फबारी के बीच एक और यात्रा है जो भले ही अधिक चर्चा में ना रहे लेकिन भक्तों की भारी भीड़ इस धाम में भी खूब उमड़ती है. हम बात कर रहे हैं हेमकुंड साहिब धाम की, चारों तरफ बर्फबारी और ग्लेशियर के रास्तों से गुरुद्वारे तक जाते भक्तों को इस धाम का रोमांच भी अलग ही आकर्षित करता है.
इस साल 25 मई से शुरू हुई हेमकुंड साहिब यात्रा सकुशल जारी है. सिखों के इस पवित्र धाम की यात्रा के दौरान भक्तों के लिए सबसे अधिक कारगर साबित होती है राज्य की एसडीआरएफ, जो भक्तों को सहारा देकर धाम तक पहुंचा रही है.

इस दुर्गम यात्रा को सुगम बनाने के लिए एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) की टीम महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. ग्लेशियर के इस खतरनाक हिस्से पर एसडीआरएफ की दो सब टीमें नियुक्त की गई हैं. एक टीम घांघरिया बेस कैंप और दूसरी टीम हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा से प्रतिदिन ड्यूटी के लिए अटल कोटी ग्लेशियर पहुंचती है, जो दिन के अंतिम श्रद्धालु को भी सुरक्षित रूप से ग्लेशियर पार कराने तक मोर्चे पर डटी रहती है.

एसडीआरएफ जवान एक-एक श्रद्धालु को अपने सुरक्षा घेरे में ग्लेशियर पार कराते हैं, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो. पिछले 25 मई से आरम्भ श्री हेमकुंड साहिब यात्रा में अब तक एसडीआरएफ की टीम ने करीब 55,333 श्रद्धालुओं को सफलतापूर्वक ग्लेशियर पार कराकर उनकी यात्रा को सफल बनाया है. अब तक करीब 5,000 से अधिक श्रद्धालुओं को प्राथमिक चिकित्सा भी एसडीआरएफ जवानों के द्वारा दी गई है.

इन ग्लेशियर के आसपास बर्फबारी होने के बाद ग्लेशियर को पार करना और भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में आम श्रद्धालुओं के लिए एसडीआरएफ त्वरित कार्रवाई कर सुगम मार्ग निर्माण में भी योगदान देती है.

पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल बताती हैं कि हिमालय क्षेत्र की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद एसडीआरएफ के जवान चारधाम यात्रा मार्ग पर अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं. उनकी मेहनत और समर्पण के कारण ही इतने श्रद्धालुओं की यात्रा सफल हो पाई है. उन्होंने कहा कि हेमकुंड साहिब के विभिन्न पड़ावों पर भूस्खलन व हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ द्वारा आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा और जागरूकता के लिए साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं.
वहीं, सेनानायक मणिकांत मिश्रा ने बताया कि हेमकुंड साहिब के मार्ग में पड़ने वाला अटल कोटी ग्लेशियर यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव है, जिस पर एसडीआरएफ की टीम पूरी मुस्तैदी से तैनात हैं और यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग पर सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले एसडीआरएफ के जवानों को पुरस्कृत करने के निर्देश भी दिए हैं. अब तक हेमकुंड साहिब यात्रा पर 55,333 भक्तों को एसडीआरएफ इसी तरह से सुरक्षित यात्रा करवा चुकी है.