एफएनएन, नई दिल्ली : देश का सबसे बड़ा भारतीय स्टेट बैंक अपने कर्मचारियों की संख्या में भारी-भरकम छंटनी करने करने जा रहा है, जिसके चलते SBI से लगभग 30 हजार कर्मचारी एक झटके में बाहर हो सकते हैं। ऐसे में बैंक अब अपने कर्मचारियों के लिए एक बड़ी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना यानी (VRS) लाने की तैयारी में लगा हुआ है।
VRS के लिए ड्राफ्ट तैयार
सूत्रों के अनुसार इस योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक के 30190 कर्मचारी बैंक से बाहर हो सकते है। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना यानी (VRS ) के लिए एक ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और इसके लिए बोर्ड की इजाजत का इंतजार है। बैंक का कहना है कि लागत में कटौती के लिए यह पहल की जा रही है। इससे 2000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी। इसमें कहा गया कि यदि योजना के तहत रिटायरमेंट के योग्य कर्मचारियों में से 30 प्रतिशत भी वीआरएस का विकल्प चुनते हैं तो जुलाई 2020 के वेतन पर आधारित अनुमान के तहत SBI को करीब 1,662.86 करोड़ रुपये की बचत होगी।
VRS लेने वाले कर्मचारियों को सुविधाएं
एसबीआई की VRS योजना ऐसे सभी स्थायी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए खुली होगी, जिन्होंने निर्धारित तारीख तक बैंक को 25 साल की सेवा दी होगी या 55 साल की उम्र पूरी कर चुके होंगे। यह योजना इस साल एक दिसंबर से फरवरी 2021 के आखिर तक खुली रहेगी। यानी इसी अवधि में VRS के लिए आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। बैंक के जिन कर्मचारियों की VRS का आवेदन स्वीकार किया जाएगा। बैंक ने कहा, ‘जो स्टाफ मेंबर VRS के लिए आवेदन करेगा, उन्हें बचे हुए सर्विस की अवधि तक सैलरी की 50 फीसदी दी जाएगी। यह पेंशन की तारीख तक के लिये होगा। साथ ही यह अंतिम सैलरी के 18 महीने तक के लिए ही होगा।’ इसके अलावा VRS लेने वाले कर्मचारियों को ग्रैच्युटी, पेंशन, प्रोविडेंट फंड और मेडिकल की सुविधाएं दी जाएंगी।