- कंपनियों का दावा- शहद में मिलावट बदनाम करने की साजिश
एफएनएन, दिल्ली : सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसइ) ने देश में ब्रांडेड शहद की जांच की है। पतंजलि, डाबर, बैद्यनाथ और झंडू जैसे मशहूर ब्रांड्स के शहद टेस्ट में फेल हो गए हैं। जांच में इन कंपनियों के शहद में 77% मिलावट पाई गई है। पता चला है कि इसमें चीनी मिलाई गई है।
हालांकि, डाबर और पतंजलि ने इस जांच पर ही सवाल उठा दिए हैं। कंपनियों का कहना है कि इस जांच का मकसद हमारे ब्रांड्स की छवि खराब करना है और ये प्रायोजित लगती है। कंपनियों ने दावा किया कि हम भारत में ही प्राकृतिक तौर पर मिलने वाला शहद इकट्ठा करते हैं और उसी को बेचते हैं। इसे बिना चीनी या और कोई चीज मिलाए पैक किया जाता है।
कंपनियों ने कहा कि शहद की जांच के लिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ( एफएसएसएआई) के नियमों और मानकों का पूरा ध्यान रखा जाता है। डाबर के प्रवक्ता ने कहा कि हमारा शहद 100 फीसदी शुद्ध और देसी है। हाल में जो रिपोर्ट सामने आई हैं, वो प्रायोजित लगती हैं।
पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने कहा- यह भारत के प्राकृतिक शहद बनाने वाली इंडस्ट्री को बदनाम करने की साजिश लगती है ताकि प्रोसेस्ड शहद को प्रमोट किया जा सके। यह विलेज कमीशन और खादी के जरिए लाखों ग्रामीण किसानों द्वारा बनाए जा रहे शहद की जगह प्रोसेस्ड, आर्टिफिशियल, वैल्यू एडेड शहद को लाने की साजिश है। हम 100 फीसदी प्राकृतिक शहद बनाते हैं। यह एफएसएसएआई के 100 से ज्यादा मानकों पर भी खरा उतरा है। सीएसइ ने कहा- हमारी रिसर्च में पता चला कि बाजार में बिक रहा शहद मिलावट वाला है। शहद के मुकाबले लोग चीनी ज्यादा खा रहे हैं। इससे कोविड का जोखिम बढ़ गया है, क्योंकि चीनी सीधे मोटापे से जुड़ा मामला है।