एफएन एन, देहरादून : उत्तर प्रदेश में बाहर से आने वाले लोगों की बॉर्डर, रेलवे स्टेशन, एअरपोर्ट व सीमावर्ती जिलों के बस अड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग होगी। यदि किसी में बुखार या बीमारी के कोई अन्य लक्षण मिले तो ऐसे लोगों की जांच की जिला प्रशासन की ओर से जांच कराई जाएगी। उत्तराखंड सरकार की ओर से शनिवार देर रात अनलॉक फोर की संशोधित गाइडलाइन जारी की गई। मुख्य सचिव ओम प्रकाश की ओर से जारी आदेश के अनुसर राज्य में आने वाले लोगों के लिए पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया है। यदि कोई व्यक्ति राज्य में बिजनेस, परीक्षा, उद्योग, या किस अन्य कार्य से सात दिन से कम अवधि के लिए आता है तो उन्हें क्वारंटाइन नहीं रहना होगा। लेकिन राज्य में आने से पूर्व रजिस्ट्रेशन के दौरान ऐसे लोगों को अपने होम स्टे की जानकारी देनी होगी। घर का पता गलत होगा तो आपदा एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
ज्यादा समय के लिए आने पर 10 दिन का क्वारंटाइन
यदि कोई व्यक्ति राज्य में सात दिन से अधिक अवधि के लिए आ रहा है तो उन्हें संस्थागत और होम क्वारंटाइन रहना होगा। सेना और अर्द्ध सैनिक बलों के मामले में क्वारंटाइन की अवधि 10 दिन की होगी। नई गाइड लाइन के अनुसार आधिकारिक दौरे, केंद्र सरकार के मंत्री, राज्य सरकार के मंत्री, मुख्य न्यायाधीश, अन्य जज, सांसद और विधायक आदि लोगों को राज्य में प्रवेश के दौरान क्वारंटाइन से छूट मिलेगी। इसके साथ ही ऐसे लोगों के स्टाफ को भी राज्य में आने पर क्वारंटाइन रहने की जरूरत नहीं होगी। राज्य सरकार के अफसरों को पांच दिन से अधिक की अवधि के बाद राज्य में लौटने पर कोरोना जांच करानी अनिवार्य होगी। पांच दिन से कम समय के लिए राज्य से बाहर जाने के बाद लौटने वाले लोगों को क्वारंटाइन होने की जरूरत नहीं होगी। यदि कोई व्यक्ति पांच दिन से अधिक अवधि के बाद राज्य में लौटता है तो ऐसे लोगों को दस दिन तक होम क्वारंटाइन रहना होगा।
राज्य के भीतर भी पंजीकरण जरूरी
सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार राज्य के भीतर एक जिले से दूसरे जिले के भीतर यात्रा के लिण् पहले कर तरह स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य होगा।