एफएनएन, ऋषिकेश। बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में एक और आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ा है। पकड़े गए शख्स पर एससी-एसटी वर्ग के छात्र-छात्राओं को मुफ्त में स्नातक कराने और सरकारी मदद दिलाने के नाम पर फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति हड़पने का संगीन इल्जाम है। थाना मुनि की रेती में उसके विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी।
मुफ्त दाखिले, सरकारी मदद के नाम पर जुटाए थे दस्तावेज
हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक टिहरी गढ़वाल जिले में गठित एसआइटी टीम ने दशमोत्तर एससी-एसटी, ओबीसी छात्रवृत्ति घोटाले की जांच की थी। गहन छानबीन के बाद थाना मुनि की रेती में मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचना थानाध्यक्ष थत्यूड़ संजीत कुमार कर रहे हैं। मुनि की रेती थाना प्रभारी आरके सकलानी ने बताया कि विवेचना में खुलासा हुआ कि अभियुक्त सचिन रयाल ने ऋषिकेश क्षेत्र के अनुसूचित जाति के 12वीं पास छात्र-छात्राओं से मुफ्त में ग्रेजुएशन करवाने और सरकारी मदद दिलाने के नाम पर उनके फोटो, 12वीं के प्रमाणपत्र और जाति, आय के दस्तावेज हासिल कर लिए थे। इन्हीं फोटो, दस्तावेजों की छायाप्रतियां स्वामी पूर्णानंद डिग्री कॉलेज ऑफ टेक्निकल एजुकेशन में अपने गिरोह के सदस्यों की मदद से जमा करवाकर गरीब बच्चों की छात्रवृत्ति के लाखों रुपये हड़प लिए गए।
फर्जी एडमीशन दिखाकर हड़पी थी लाखों की छात्रवृत्ति
थाना प्रभारी सकलानी के मुताबिक, इस कॉलेज में इन सभी छात्रों का फर्जी एडमिशन दिखाकर समाज कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति की धनराशि प्राप्त की गई। उन्होंने बताया कि आरोपी सचिन रयाल पुत्र अमरदेव रयाल निवासी शीशमझाड़ी मुनि की रेती को रविवार को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस टीम में थानाध्यक्ष थत्यूड़ संजीत कुमार, शांति प्रसाद डिमरी, धर्मपाल आदि शामिल रहे।