Friday, June 20, 2025
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Homeराज्यउत्तराखंडऋषिकेश के फाइनेंस की हत्या के पीछे लेनदेन का मामला

ऋषिकेश के फाइनेंस की हत्या के पीछे लेनदेन का मामला

  • हत्या में शामिल तीन गिरफ्तार, वाहन व अन्य सामान बरामद

एफएनएन, देहरादून : ऋषिकेश के फाइनेंसर राजकुमार गुप्ता की हत्या रुपयों के लेनदेन को लेकर की गई थी। इस हत्याकांड को अंजाम देने के आरोप में पुलिस ने तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। उनसे हत्या में इस्तेमाल वाहन व अन्य सामान बरामद भी कर लिया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने इस हत्याकांड का पर्दाफाश करने पर ऋषिकेश पुलिस को 2500 रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की है।
रविवार को एसएसपी डॉ. वाईएस रावत ने अपने कार्यालय में पत्रकार वार्ता में बताया कि बीती 17 जनवरी को मायाकुंड, ऋषिकेश निवासी रूपेश गुप्ता ने पुलिस को एक प्रार्थनापत्र दिया था। रुपेश के अनुसार उनके पिता राजकुमार 15 जनवरी को रोज की तरह दोपहर एक बजे घर से स्कूटी से निकले, मगर वापस नहीं लौटे। ऋषिकेश कोतवाली के इंस्पेक्टर रितेश शाह ने राजकुमार की गुमशुदगी दर्ज कर उनकी तलाश के लिए चार टीमें गठित कीं। इनमें से एक टीम को जांच के दौरान शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में राजकुमार नंदू फार्म से एक व्यक्ति के साथ सोमेश्वर नगर की तरफ जाते दिखाई दिए। उनके साथ जो व्यक्ति था, उसकी पहचान सुरेश चौधरी निवासी स्योहारा, बिजनौर वर्तमान निवासी सुमन विहार बापूग्राम ऋषिकेश के रूप में हुई। पुलिस जब सुरेश के घर पहुंची तो वहां उसका भतीजा इंद्रपाल सिंह उर्फ पप्पू निवासी गुरदासपुर, बिजनौर वर्तमान निवासी छाबरा फार्म श्यामपुर ऋषिकेश व एक अन्य रिश्तेदार राजकुमार निवासी शक्तिनगर, बिजनौर भी मौजूद थे। पूछताछ के लिए पुलिस तीनों को थाने ले गई। वहां सख्ती बरतने पर तीनों ने राजकुमार की हत्या कर शव को बिजनौर जिले के मंडावर थाना क्षेत्र में जलाने की बात कही। पुलिस ने मंडावर थाने में संपर्क किया तो पता चला कि 16 जनवरी को आरोपितों के बताए स्थान पर एक अधजला शव मिला था। शिनाख्त नहीं होने पर पुलिस ने जिसका 19 जनवरी को ङ्क्षहदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कर दिया था। पुलिस 23 जनवरी को रूपेश और तीनों आरोपितों को घटनास्थल पर ले गई। वहां रूपेश ने मंडावर पुलिस की ओर से दिखाए गए साक्ष्यों की पहचान कर ली। इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस को सुरेश चौधरी ने बताया कि दो साल पहले उसने अपनी बेटी नेहा की शादी के लिए फाइनेंसर राजकुमार से छह लाख रुपये ब्याज पर लिए थे। सुरेश किस्तों में रुपये दे रहा था, लेकिन राजकुमार जल्द रकम अदा करने का दबाव बना रहे थे। सुरेश का आरोप है कि राजकुमार उसकी पत्नी को गलत नीयत से भी देखता था। इन्हीं वजहों से उसने राजकुमार की हत्या की साजिश रच डाली। इसमें उसने अपने भतीजे इंद्रजीत व रिश्तेदार राजकुमार को भी शामिल कर उन्हें एक-एक लाख रुपये देने की बात कही थी। सुरेश ने पुलिस को बताया कि 15 जनवरी को उसकी राजकुमार से मुलाकात बापूग्राम के पास हुई। वह राजकुमार को रुपये व लड़की की व्यवस्था होने की बात कहकर अपने साथ स्मृति वन ले गया। दोनों स्कूटी से सोमेश्वर नगर होते हुए बाईपास स्थित स्मृति वन पहुंचे। वहां एक कार में सुरेश के साथी राजकुमार व इंद्रपाल पहले से मौजूद थे। राजकुमार को सुरेश कार के अंदर ले गया। इसके बाद तीनों ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। रातभर राजकुमार का शव कार में ही पड़ा रहा। अगले दिन 16 जनवरी को तीनों आरोपित तड़के करीब साढ़े तीन बजे शव को ठिकाने लगाने के लिए निकल पड़े। श्यामपुर फाटक के पास पुलिस की चेकिंग होने के कारण वह खैरी श्यामपुर के कच्चे रास्ते से होते हुए मंडावर गए। वहां इनामपुर रजवाहे के पास सुनसान जगह पर राजकुमार के शव को पेट्रोल डालकर आग लगा दी और ऋषिकेश वापस आ गए।

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