एफएनएन, अयोध्या : श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के खाते से क्लोन चेक के जरिए छह लाख रुपये की रकम मुम्बई के जालसाज ने निकाली थी। एसएसपी दीपक कुमार ने पूरे मामले से पर्दा उठाते हुए बताया कि इस खाते की लोकेशन महाराष्ट्र में मिली है। जांच को पुलिस टीम मुंबई रवाना कर दी गई है। ट्रस्ट के गोपनीय खाते से दो बार हस्तांतरित छह लाख रुपयों में से चार लाख रुपये जालसाज निकाल चुका है। पंजाब नेशनल बैंक स्थित जालसाज के खाते में अभी दो लाख रुपये बचे हैं। भारतीय स्टेट बैंक की अयोध्या शाखा के प्रबंधक प्रियांशु शर्मा ने जालसाज के पीएनबी खाते को तात्कालिक रूप से फ्रीज करा दिया है। वहीं बैंक आफ बड़ौदा के खाते में लगाए गये नौ लाख, 86 हजार रुपये के चेक का भुगतान भी रोक दिया गया है। पुलिस क्षेत्राधिकारी राजेश राय ने बताया कि ट्रस्ट महासचिव चंपत राय की तहरीर पर अयोध्या कोतवाली में संज्ञेय अपराध की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
जालसाज को चेक की थी सटीक सूचना
रामजन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से भुगतान के लिए एसबीआई में अलग खाता खोला गया है। जिससे कि आय-व्यय का लेखा-जोखा रखने में सुविधा हो। ट्रस्ट ने जमा खाता व चालू खाते के बारे में सार्वजनिक सूचना जारी की थी जिससे दानदाता राम मंदिर निर्माण के लिए अपना योगदान दे सकें लेकिन भुगतान के लिए खोला गया खाता उन्हीं लोगों तक सीमित है जिनसे ट्रस्ट लेन-देन कर रहा है। इसके बावजूद जालसाज ने न केवल खाते की जानकारी हासिल कर ली बल्कि उसे ट्रस्ट के लिए बैंक से निर्गत चेक के नंबरों की सटीक सूचना भी मिल गयी। इसी के जरिए जालसाज ने हस्ताक्षरित चेक के नंबरों को बदल-बदल कर दो बार में क्रमश: ढाई लाख और साढ़े तीन लाख की धनराशि का भुगतान अपने खाते में करा लिया। ट्रस्ट को इसी भनक भी नहीं लगी। इसके बाद जालसाज ने नौ लाख, 86 हजार का चेक भुगतान के लिए लगा दिया लेकिन इस बार चेक पीएनबी के बजाय बैंक आफ बड़ौदा के खाते में लगाया। इस चेक के भुगतान से पहले लखनऊ की मुख्य शाखा से वेरिफिकेशन के लिए ट्रस्ट महासचिव को फोन किया गया। तब जाकर मामले का खुलासा हुआ।
मूल चेक ट्रस्ट के पास
ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने बताया कि एसबीआई, लखनऊ की क्लीयरिंग शाखा की सतर्कता से नौ लाख 86 हजार के फर्जी चेक का भुगतान रुक गया है। उन्होंने बताया कि भुगतान के लिए जिस नंबर का चेक बैंक भेजा गया, वह उनके पास मौजूद था। इसके पूर्व एक सितम्बर व आठ सितम्बर को जिन दो चेकों से क्रमश: ढाई लाख व साढ़े तीन लाख की राशि हस्तांतरित हुई, वे चेक भी मौजूद हैं। फिलहाल तीन चेकों को क्रास कर जांच के लिए क्लीयरिंग शाखा को भेज दिया गया है।